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आर्टिकल 370 को लेकर विपक्ष के हर सवाल का अमित शाह ने दिया जवाब

अमित शाह ने कहा- कश्मीर के लिए जान भी दे देंगे

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू - कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तानी कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन भी इसका हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लिए नेता अपनी जान तक देने के लिए तैयार हैं.

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  1. नेहरू जी ने कहा था कि 370 अस्थायी है, उचित समय आने पर हटाएंगे. 70 साल लगे लेकिन नहीं हटा पाए, मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमें इतना समय नहीं लगेगा
  2. हम हुर्रियत के साथ चर्चा नहीं करना चाहते. घाटी के लोग हमारे हैं, हम उनको सीने से लगाएंगे, उनको प्यार से रखेंगे, पूरा हिंदुस्तान उन्हें प्यार से रखेगा. अगर उनके मन में कोई आशंका है तो जरूर चर्चा करेंगे, हमें कोई आपत्ति नहीं है
  3. 1989 से लेकर अबतक 41 हजार लोग मारे गए फिर भी क्या हम उसी रास्ते पर चलना चाहते हैं. 70 साल इसी रास्ते पर चले हैं अब क्या रास्ता बदलना नहीं चाहिए. कब तक वोट बैंक की राजनीति करते रहेंगे, कब देश हित और घाटी के हित के बारे में सोचेंगे
  4. 370 हटाना कैसे सांप्रदायिक एजेंडा हो सकता है? क्या वहां हिन्दू, सिख और जैन नहीं रहते हैं? आज तक वहां अल्पसंख्यक आयोग नहीं बनाया गया. यह सिर्फ अनुच्छेद 370 की वजह से हुआ
  5. जम्मू-कश्मीर में शिक्षा का अधिकार कानून लागू नहीं है, जम्मू-कश्मीर के बच्चों को यह अधिकार नहीं मिला. शिक्षकों को ट्रेनिंग नहीं मिलती है. इन सबका एकमात्र कारण आर्टिकल 370 है
  6. पहले यहां केवल 3 परिवारों का शासन था, लेकिन आज जम्मू -कश्मीर में 40 हजार पंच-सरपंच अपने गांव के विकास का खाका खुद खींच रहे हैं. 3500 करोड़ रूपये, इन पंच-सरपंचो को डायरेक्ट RTGS के माध्यम से भेजने का काम मोदी सरकार ने किया है
  7. कुछ लोगों ने कहा कि हमने Pok दे दिया. Pok भारतीय जनता पार्टी की सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी दे ही नहीं सकते. आज भी Pok की 24 सीटें हमारा हिस्सा रहने वाली हैं. Pok पर हमारा दावा उतना ही मजबूत है जितना पहले था
  8. आर्टिकल 370 हटाने की जरुरत इसलिए है, क्योंकि वह देश की संसद के महत्व को कम करता है. देश के कानून जो हम देश के लोगों के भले के लिए बनाते हैं, वो वहां तक नहीं पहुंचते. जिसकी वजह से पाकिस्तान वहां के लोगों के मन में अलगाववाद की भावना को भड़का रहा है
  9. हम ऐतिहासिक भूल को सुधारने जा रहे हैं. मुझे विश्वास है कि 5 साल के बाद जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जो विकास होने वाला है, वो देखकर घाटी की जनता भी कहेगी कि 370 का जो झुनझुना हमें पकड़ाया गया था, उससे हमारा बहुत अहित हुआ.
  10. 1989 से 1995 तक जम्मू कश्मीर में आतंकवाद इतना बढ़ा की वहां सालों तक कर्फ्यू लगाया गया. वहां खाना-पीना तो छोड़िए ब्रेड-बटर तक नहीं मिलता था. हमने J&K में सुरक्षाबल इसलिए रखे हैं कि अगर वहां की कानून व्यवस्था को बिगाड़ना भी चाहे तो उसको मौका नहीं मिलेगा

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