महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने कहा है कि महाराष्ट्र में जिसके पास भी सरकार बनाने के लिए संख्या हो, वो राज्यपाल के पास जाकर दावा पेश कर सकता है.
यहां देखिए- पूरा इंटरव्यू
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर अमित शाह की सफाई
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर विपक्ष की प्रतिक्रिया को अमित शाह ने ‘कोरी राजनीति’ बताया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल ने कहीं भी संविधान को तोड़ने का प्रयास नहीं किया है.
शाह से जब ये पूछा गया कि जब राज्यपाल ने एनसीपी को मंगलवार, 12 नवंबर, शाम 8.30 बजे तक का समय दिया था, तो उन्होंने उससे पहले ही राष्ट्रपति शासन की सिफारिश क्यों कर दी? इस पर शाह ने कहा-
शायद, वह (कांग्रेस) अपने साथी (एनसीपी) को पूछती नहीं है. एनसीपी ने दिन में ही करीब साढ़े 11 बजे पत्र लिखकर सरकार बनाने में अपनी असमर्थता जता दी थी. एनसीपी ने कहा था कि वह मंगलवार, शाम 8.30 बजे तक सरकार नहीं बना सकते. इसके बाद राज्यपाल को 8.30 बजे तक रुकने का कोई औचित्य नहीं था.
‘अगर किसी के पास संख्या है, तो राज्यपाल के पास जाए’
अमित शाह से जब पूछा गया कि कई राज्यों में सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को लेकर काफी वक्त दिया जाता था, तो फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने को लेकर क्या जल्दी थी? इस पर शाह ने कहा-
इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए इतना समय नहीं दिया गया. राज्यपाल ने सरकार बनाने के दावा पेश करने के लिए 18 दिन का इंतजार किया. राज्यपाल ने विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक राजनीतिक दलों को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए न्योता दिया. ना ही शिवसेना और ना ही कांग्रेस-एनसीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया. हमारे पास भी संख्या नहीं थी. अगर आज भी किसी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल के पास जा सकता है.
‘वो सिर्फ दो दिन मांग रहे थे, हमने छह महीने दे दिए’
शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू करना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि विपक्ष ये भी आरोप लगा सकता था कि राज्य में बीजेपी टेंपरेरी सरकार चला रही है.
विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि हमें एक दिन दिया, हमें दो दिन दिया. सबको समय दिया है. अब भी समय है. आज भी किसी के पास बहुमत है तो वो सरकार बनाने का दावा कर सकता है. वो (शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस) सिर्फ दो दिन मांग रहे थे, हमने उन्हें 6 महीने दे दिए हैं.अमित शाह, अध्यक्ष, बीजेपी
शिवसेना की मांग मंजूर नहींः शाह
शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा-
चुनावों से पहले प्रधानमंत्री और मैंने कई बार सार्वजनिक तौर पर ये कहा कि अगर गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन तब किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं जताई. लेकिन अब वे (शिवसेना) एक नई मांग के साथ आ गए हैं, जो हमें मंजूर नहीं है.
‘राज्यपाल शासन से बीजेपी को नुकसान’
अमित शाह ने कहा, ‘बीजेपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. बीजेपी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी, लेकिन फिर भी हमने कई सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था. उन सीटों पर हमारे सहयोगी दल ने चुनाव लड़ा था. जब हमारे सहयोगी दल ने शर्त ऐसी रखनी चाही, जो हमें स्वीकार नहीं है. हम अकेले सरकार नहीं बना सकते. हमारे पास 105 सीटें हैं, तो हम क्या कर सकते हैं. लेकिन जो लोग दावा कर रहे हैं कि हमें सरकार बनाने का मौका मिले, तो उनके पास अब मौका है.’
उन्होंने कहा, ‘बीजेपी का संस्कार नहीं है कि बंद कमरे में हुई बातों को हम सार्वजनिक करें और करना भी नहीं चाहिए. लेकिन मैं मानता हूं कि राज्यपाल शासन लागू होने से अगर किसी का नुकसान हुआ है, तो बीजेपी का हुआ है.’
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