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जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधिमंडल से शाह की मुलाकात, सरपंचों को सौगात

धारा 370 के हटने के बाद स्थिति पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्री ने बुलाई थी बैठक

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जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35-A हटाने के बाद मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सरपंचों (ग्राम प्रधान) और पंचों (पंचायत सदस्य) के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की.

अमित शाह से मुलाकात के बाद प्रतिनिधि मंडल के लोगों ने कहा कि वे धारा 370 हटाए जाने के बाद खुश हैं. प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने कहा कि बहुत दिनों से मांग उठ रही थी, जिसे सरकार ने पूरा किया है.

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धारा 370 हटने के बाद के हालात पर हुई चर्चा

अमित शाह ने ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को धारा 370 और 35 ए के हटने के बाद के हालातों पर चर्चा करने के लिए बुलाया था. ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा, ‘इस मुलाकात का मकसद धारा 370 के हटाए जाने पर चर्चा का है. इसके अलावा पंचायतों को मजबूती देने पर भी बात की जाएगी.’’ वहीं कुछ सदस्यों ने कहा कि वो सरकार को धन्यवाद कहने के लिए भी आए हैं.

‘‘हम यहां सरकार को धन्यवाद कहने आए हैं क्योंकि सरकार ने धारा 370 को हटा दिया है जिसकी जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे. साथ ही हम ये भी बात करने वाले हैं कि जम्मू-कश्मीर की पंचायतों को कैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ये जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए खुशी का माहौल है क्योंकि सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है.’’
प्रतिनिधि मंडल के सदस्य

पंचों और सरपंचों को मिलेगी सुरक्षा

गृहमंत्री अमित शाह ने पंचों और सरपंचों को सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया है. कुपवाड़ा के एक सरपंच मीर जुनैद ने कहा, ‘हमने गृह मंत्री से हमें सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि प्रशासन हमें सुरक्षा मुहैया कराएगा.’’

इसके अलावा श्रीनगर जिले के हरवन से सरपंच जुबेर निषाद भट्ट ने कहा कि गृह मंत्री ने यह आश्वासन भी दिया है कि हर पंच और सरपंच को दो लाख रुपये का बीमा कवरेज भी दिया जाएगा. भट्ट ने कहा किगृह मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि अगले 15-20 दिनों में जम्मू-कश्मीर में मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.

जुनैद के मुताबिक, गृह मंत्री ने पंचों और सरपंचों को बताया कि जैसा संसद में वादा किया गया है, स्थिति सामान्य होने पर जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. साथ ही जम्मू-कश्मीर में छह साल के अंतराल के बाद पिछले साल पंचायत चुनाव हुए थे.

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