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हिंदी दिवस पर बोले अमित शाह, पहचान के लिए ‘एक देश-एक भाषा’ जरूरी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने की अपील 

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हिंदी दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी के जरिए पूरे देश को जोड़ने की अपील की है. एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि विभिन्न भाषाएं और बोलियां हमारे देश की ताकत हैं. लेकिन अब देश को एक भाषा की जरूरत है. शाह ने कहा कि हिंदी भाषा देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और ये पूरे देश को एकजुट करने की ताकत रखती है.

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे और सभी को अपनी मातृ भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा.

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अमित शाह ने एक ट्वीट में लिखा-

भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है. लेकिन पूरे देश की एक भाषा होना बेहद जरूरी है, जो विश्व में भारत की पहचान बने.

शाह ने कहा कि आज अगर को भाषा है, जो देश को एकजुट कर सकती है तो वो हिंदी है, क्योंकि हिंदी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. शाह ने कहा-

आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है.

शाह ने कहा कि वे हिंदी दिवस के मौके पर देश के सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे अपनी-अपनी मातृ भाषा के प्रयोग को बढ़ाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के सपने को साकार करने में योगदान दें.

बाद में, 'हिंदी दिवस' पर आयोजित एक समारोह में बोलते हुए, शाह ने कहा कि हिंदी को देश के हर व्यक्ति और हर घर तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा-

“अगले साल हम देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी दिवस समारोह आयोजित करेंगे. मैं सभी माता-पिता से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चों और सहकर्मियों के साथ अपनी मातृ भाषा में बात करें.”

उन्होंने कहा कि जब देश में साल 2024 में अगले लोकसभा चुनाव होंगे, तो हिंदी को एक विशेष दर्जा हासिल होगा.

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गृह मंत्री ने कहा कि समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया कहते थे कि लोकतंत्र में सरकार की भाषा एक ऐसी भाषा होनी चाहिए, जिसे लोग समझ सकें. उन्होंने कहा-

जब मैंने गृह मंत्रालय में पदभार संभाला तो पहले दस दिन में मेरे पास एक भी ऐसी फाइल नहीं आई जिसमें हिंदी हो. अब मेरे पास जो फाइलें आती हैं, उनमें से 60 फीसदी फाइलों में हिंदी नोटिंग होती है.

शाह ने कहा कि कोई भी भाषा तभी अस्तित्व में रह सकती है, जब नई पीढ़ीअपनी भाषा में बोलने में गर्व महसूस करे. उन्होंने कहा-

यह हमारी ताकत है कि हमारे पास कई भाषाएं और बोलियां हैं. हमें यह देखना होगा कि विदेशी भाषा हमारी भाषा पर हावी नहीं हो सकती है.

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, कांग्रेस के देश के अलग-अलग हिस्सों में सम्मेलन होते थे और इस तरह की पहल से उन क्षेत्रों में हिंदी सशक्त होती थी.

शाह ने कहा कि अगर आज किसी हिंदी मीडियम के छात्र से भी हिंदी में 40 मिनट बोलने के लिए कहा जाए, तो वो शायद नहीं बोल पाएगा. उन्होंने कहा-

हम पर अंग्रेजी का इतना प्रभाव है कि हम इसकी मदद के बिना हिंदी में बात नहीं कर सकते.

शाह ने कहा कि हिंदी को कानून, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में बच्चों को हिंदी पढ़ना और लिखना सिखाएगी.

मैं पिछले हफ्ते गुवाहाटी में था. मुझे बताया गया है कि कई लोग अपने बच्चों को हिंदी सिखाने के लिए प्राइवेट ट्यूटर रख रहे हैं. हमने फैसला किया है कि हम उन्हें हिंदी सिखाएंगे.

गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी जिक्र किया, जिन्होंने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण दिया.

बता दें, साल 1949 में आज ही के दिन हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था, जिसे हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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