केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में जारी संकट के मद्देनजर सोमवार, 29 मई से हिंसा प्रभावित मणिपुर (Manipur) के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे. शाह ने PTI से कहा,
मैं जल्द ही मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिन रहूंगा, लेकिन इससे पहले दोनों समूहों को आपस में अविश्वास और संदेह को दूर करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में शांति बहाल हो.
कम से कम 40 कुकी उग्रवादी मारे गए हैं: मुख्यमंत्री
पिछले चार दिनों में राज्य की इंफाल घाटी में एक समन्वित सुरक्षा अभियान में कम से कम 40 कुकी उग्रवादियों के मारे जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री का दौरा हो रहा है.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार, 28 मई को मीडिया को बताया कि अब तक 40 आतंकवादी मारे गए हैं और कुछ को गिरफ्तार किया गया है.
बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान और हेलीकॉप्टर संचालन शुरू हो गया है. हम अपराधियों, उन उग्रवादियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जो नागरिकों पर हमला कर रहे हैं.एन बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री, मणिपुर
मुख्यमंत्री ने कहा कि "संघर्ष का नवीनतम दौर समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच है."
व्यापक तलाशी ऑपरेशन चल रहा
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफलों से लैस आतंकवादियों ने नागरिकों पर गोलीबारी की है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये "कुकी आतंकवादी" नहीं हैं, बल्कि "आतंकवादी" हैं.
जानकारी के अनुसार, 25 मई को सेना, असम राइफल्स और राज्य पुलिस ने मणिपुर में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है.
अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि सुरक्षा अभियान जारी रहने के कारण हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
क्या है हिंसा की वजह?
दरअसल, 27 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने एक ऑर्डर दिया, जिसमें 53 प्रतिशत आबादी वाले राज्य में मीटियों (प्रमुख समुदाय) को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने का निर्देश दिया गया था. इस फैलसे के बाद से मणिपुर जातीय हिंसा की गिरफ्त में आ गया है.
हिंसा में 74 लोगों की मौत
विरोध प्रदर्शन, विशेष रूप से आदिवासी कुकी समुदाय द्वारा, इस महीने की शुरुआत में शुरू हुए और पूरे राज्य में फैल गए. इस मामले में अब तक कम से कम 74 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है. झड़पों में सैकड़ों लोग घायल हुए, जबकि हिंसा के पहले तीन दिनों में ही हजारों लोग विस्थापित हो गए.
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