'वारिस पंजाब दे' (Waris Punjab De) के मुखिया अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को शरण देने के आरोप में हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने एक महिला को गिरफ्तार किया है. महिला पर आरोप है कि उसने कथित तौर पर अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को कुरुक्षेत्र जिले में अपने घर पर शरण दी थी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक सुरिंदर सिंह भोरिया ने कहा कि हमने महिला बलजीत कौर को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने रविवार को शाहाबाद में अपने घर पर अमृतपाल और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को शरण दी थी. महिला को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है.
चंडीगढ़ के IGP सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि पुलिस अमृतपाल सिंह की खोज कर रही है, हमें पता चला है कि इसका आखिरी स्थान हरियाणा में है. हमने बलजीत कौर नाम की महिला को हरिसात में लिया है. अमृतपाल कुरुक्षेत्र में इस महिला के घर में रुका था और यह लोग पिछले 2.5 साल से संपर्क में थे.
जितनी भी गतिविधियां और परिस्थितियां हैं उससे यही साबित हो रहा है कि वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है. हमारे पास जितने साक्ष्य आए हैं, उससे साबित होता है कि उसका संपर्क सीमा पार (लोगों) से था.IGP सुखचैन सिंह गिल, चंडीगढ़
उन्होंने आगे कहा कि हम केंद्र की सारी एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं. पुलिस इस मामले में किसी भी बेकसूर लोगों को नहीं गिरफ्तार करेगी और करेगी भी तो उनको सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा. हमने अलग-अलग जगहों से 207 लोगों को हिरासत में लिया है. इनमें से 30 लोगों को आपराधिक मामलों के तहत अरेस्ट किया है.
समर्थकों ने किया था थाने पर हमला
पंजाब के अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर 23 फरवरी को 'वारिस पंजाब दे' (Waris Punjab De) के मुखिया अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने लाठी, डंडे और तलवार से हमला कर दिया था. पुलिस बैरिकेड्स तोड़ डाले. यह हंगामा अमृतपाल के करीबी सहयोगी तूफान सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में उनके समर्थकों ने थाना घेरने के दौरान किया गया था. सिर्फ यही नहीं, अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने पंजाब पुलिस को धमकी भी दी कि अगर 24 घंटो के अंदर तूफान सिंह को नहीं छोड़ा तो आगे जो कुछ होगा उसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. ऐसे में बताते हैं कि आखिर अमृतपाल सिंह कौन है?
कौन है अमृतपाल सिंह?
1993 में जन्मे अमृतपाल सिंह संधू अमृतसर जिले की बाबा बकाला तहसील के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है. 12 वीं तक पढ़ाई की है. 2012 में काम के लिए दुबई गया और वहां ट्रेवल एजेंसी में काम किया. 2022 में वारिस पंजाब दे को संभालने के लिए वापस आया.
कई विवादों में फंसे अमृतपाल सिंह पर हाल ही में अपहरण, चोरी और स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
अमृतपाल सिंह के आस-पास की सोशल मीडिया गतिविधि दिखाती है कि वह कम से कम पिछले पांच सालों से सिखों से संबंधित मुद्दों पर बोलते रहा है. वह कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध का हिस्सा बन गया, खासकर दीप सिद्धू से जुड़े आंदोलन का हिस्सा.
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