पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारी कार्रवाई के बाद भी 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पकड़ने में विफल होने के लिए पंजाब सरकार को फटकार लगाई है, जिसमें 114 से अधिक लोगों को पकड़ा गया है. हाईकोर्ट वारिस पंजाब दे के कानूनी सलाहाकार इमान सिंह खारा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की हिरासत में है.
याचिका में आगे आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उन्होंने कहा है कि अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की हिरासत में है, और कहा कि उसे अदालत में पेश किया जाना चाहिए.
हाईकोर्ट ने इसे इंटेलिजेंस फेलियर बताते हुए महाधिवक्ता विनोद घई से पूछा कि जब राज्य में 80 हजार पुलिसकर्मी थे, तो अमृतपाल सिंह को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया ? एजी ने कहा कि पुलिस ने मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पीठ ने यह भी जानना चाहा कि...
"अमृतपाल को छोड़कर सभी को कैसे गिरफ्तार किया गया? “आपके पास 80,000 पुलिस है, उसे कैसे गिरफ्तार नहीं किया गया है? अगर वह (अमृतपाल सिंह) भाग गया है, तो यह खुफिया विफलता है … पूरी पुलिस उसके पीछे है.”
अमृतपाल के भागने के पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए एजी ने कहा कि ऐसी स्थिति कभी-कभी होती है और जी-20 शिखर सम्मेलन भी चल रहा है. हाई कोर्ट ने तब वकील तनु बेदी को मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था. पंजाब सरकार से भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया था. मामले में अगली सुनवाई चार दिन बाद होगी.
कैमरे में टोल प्लाजा पर दिखा अमृतपाल
पंजाब पुलिस के सामने एक सीसीटीवी हाथ आया है, जो एक टोल प्लाजा का है, फुटेज में अमृतपाल आगे की सीट पर बैठा दिखाई दे रहा है. अमृतपाल को आखिरी बार मज्ञसिडीज एसएयूवी में देखा गया था. लेकिन, जालंधर के एक टोल बूथ से सुरक्षा फुटेज में उसे एक ब्रेज़ा कार में देखा गया है
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