गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) को गुरुवार को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया है. बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में जेल नियमों में संशोधन किया था, जिसमें आनंद मोहन सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी गई थी. आनंद सिंह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहा था.
आनंद मोहन के रिहा होने के बाद जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा कि
आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है. सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. मैं नीतीश कुमार जी से अनुरोध करती हूं कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें. इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है. यह सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.
जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उसे वापस जेल भेजने की मांग करेगी. उसे रिहा करना गलत फैसला है. सीएम को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. अगर वह (आनंद मोहन) भविष्य में चुनाव लड़ेंगा तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए. मैं आनंद मोहन को वापस जेल भेजने की अपील करती हूं.
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