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Ram Mandir: 'राम के नाम' बनाने के दौरान आनंद पटवर्धन ने अयोध्या में क्या देखा था?

राम मंदिर में पीएम मोदी, मोहन भागवत की उपस्थिति में प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है.

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रिपोर्टर: मेघनाद बोस

कैमरापर्सन: संजय देब

कैमरा सहायक: गौतम शर्मा वीडियो

संपादक: आशीष मैक्यून

अयोध्या के राम मंदिर में राम की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी गई है. पीएम मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में पूजा संपन्न हो गई है. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर बनना शुरू हुआ था. हालांकि, अभी भी पूरी तरह से बना नहीं है, लेकिन राम की प्राण-प्रतिष्ठा कर दी गई है. इसके कई अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोग समय पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन, आज हम बात आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की चर्चा करेंगे.

आनंद पटवर्धन ने दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराये जाने से ठीक तीन महीने पहले हिंदू समूहों द्वारा समाज में फैलाए जा रहे नफरती संदेशों को इकट्ठा कर 'राम के नाम' से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी. उन्होंने इस डॉक्यूमेंट्री के जरिये हिंदू ध्रवीकरण और इसके सियासी पहलुओं का एक ठोस दस्तावेज पेश किया था.

क्विंट ने इस पूरी डॉक्यूमेंट्री पर आनंद पटवर्धन से बातचीत की थी. पढ़िए इसका पूरा अंश.

क्विंट से बातचीत में आनंद पटवर्धन ने कहा था कि...

"बाबरी मस्जिद गिराये जाने के बाद जो हिंसा हुई, वो सिर्फ देशभर में ही नहीं हुई, बल्कि दूसेर मुल्क जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी हुई. यहां बदले में हिंदू मंदिर गिराए गए और हिंदुओं पर हमले हुए. ये सिलसिला चलता रहा, जिसे आज तक हम भुगत रहे हैं."

उन्होंने कहा था कि "जब मैं 'राम के नाम' बना रहा था, तो वहां के जो पुजारी लालदास थे वो सांप्रदायिकता के खिलाफ थे. उन्होंने कहा था कि विश्व हिंदू परिषद ने आज तक यहां पर पूजा भी नहीं की. यानी ये सिर्फ भड़काना चाहते हैं, ये धर्म के लिए नहीं हो रहा है. सिर्फ अपने वोट के लिए हो रहा है."

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"मस्जिद गिराए जाने के बाद कई तरह से अफवाहें फैलायी जाती थीं. जब मुंबई में दंगा हो रहा था और जो लोग दंगे को और भड़काना चाहते थे, उन्होंने अफवाहें फैलाई कि अब मुसलमान समुंदर से आने वाले हैं. बाबरी मस्जिद का बदला लेने के लिए अरब देशों से मुसलमान हमला करने वाले हैं. आज के जमाने में जिस तरीके से सोशल मीडिया या वॉट्सऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है, इससे बहुत डर लगता है. टीवी एंकर्स भी बहुत भड़काते हैं. मुझे लगता है कि इनके खिलाफ कानून बनाना पड़ेगा, ये लोग एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़का रहे हैं. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए."
आनंद पटवर्धन, डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर

आनंद पटवर्धन ने कहा था कि "जो लोग भगवान को मानते हैं, उनको कहना चाहता हूं कि आपका भगवान कभी नहीं सिखाएगा कि दूसरों पर हाथ उठाओ."

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