आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य के लोगों से अपील की है कि वो दो से ज्यादा बच्चे पैदा करें. साथ ही कहा कि, ऐसा करने वाले कपल को इंसेंटिव भी दिया जाएगा. नायडू ने अपने ही राज्य के एक नियम को खत्म कर दिया है, जिसमें 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले आदमी को स्थानीय निकाय चुनाव में लड़ने की अनुमति नहीं दी जाती थी.
घट रही है आंध्र प्रदेश की जनसंख्या
सूबे के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि आंध्र प्रदेश में पिछले 10 साल की जनसंख्या वृद्धि में 1.6 प्रतिशत की कमी आई है. जिससे राज्य की डेमोग्राफी पर असर पड़ा है. मार्च 2016 में भी नायडू ने कहा था कि, राज्य की जनसंख्या में भारी कमी आई है, ऐसी ही दिक्कत का सामना चीन और जापान कर रहे हैं, जहां पहले जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से परिवार नियोजन लाना पड़ा फिर वहां युवाओं की जनसंख्या कम हो गई.
उन्होंने ये भी कहा कि, ‘संतुलन जरूरी है. अगर असंतुलन होता है और युवाओं की कमी आती है तो, जैसा कि हम जापान जैसे देश में देख रहे हैं, इंसानों की जगह रोबोट से काम लेना पड़ेगा.’
2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, जनसंख्या के आधार पर आंध्र प्रदेश का देश में 10वां नंबर था. तेलंगाना राज्य अलग होने से पहले आंध्र की कुल आबादी 8.46 करोड़ थी. इसके बाद जून 2014 में तेलंगाना अलग हुआ.
आंध्र प्रदेश में कम बच्चे पैदा हो रहे हैं
आंध्रा सरकार का कहना है कि राज्य में बच्चे कम पैदा हो रहे हैं. सरकार के मुताबिक, राज्य में बर्थरेट 2014 में 1000 पर 37 प्रतिशत था, जो गिरकर अब 2018 में 10.51 प्रतिशत पर आ गया है.
'जनसंख्या में हो रही गिरावट को रोकें'
पिछले साल सितंबर में, नायडू ने कहा था कि,''मैं परिवार नियोजन की बातें किया करता था लेकिन अब मैं लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने को कहता हूं, क्योंकि शिक्षित परिवार ज्यादा बच्चों के होने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं. वो इसे एक बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं, जैसे कि बच्चों की परवरिश करना बहुत मुश्किल काम हो.”
नायडू का मानना है कि जापान और चीन जैसे देशों ने जनसंख्या वृद्धि के खिलाफ सख्त कानून बनाए थे लेकिन अब वहां ज्यादातर जनसंख्या बूढे लोगों की हो गई है और ये दोनों देश काफी मुसीबत का सामना कर रहे हैं. सीएम के मुताबिक किसी भी प्रोग्रेसिव देश के लिए ये जरूरी है कि उनकी जनसंख्या में ज्यादा से ज्यादा युवा हों.
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