जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि कश्मीर में फिलहाल हालात स्थिर और अच्छे नहीं हैं और उनमें बदलाव की जरूरत है. मर्केल ने यह बात 1 नवंबर को भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विमर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता के बाद पत्रकारों से कही. हालांकि, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों ने हवाले से बताया है कि आईजीसी में कश्मीर के हालात को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मर्केल ने 1 नवंबर को 5वें आईजीसी की सह-अध्यक्षता की. इसके बाद भारत और जर्मनी ने पांच संयुक्त आशय पत्रों (ज्वाइंट डिक्लरेशन ऑफ इंटेंट) पर हस्ताक्षर किए. भारत और जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, नौवहन प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 11 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
बैठक के बाद मीडिया के लिए बयान जारी किया गया. इसमें पीएम मोदी ने कहा कि ‘‘हमने 2022 तक ‘नया भारत’ बनाने का संकल्प लिया है और इसमें जर्मनी जैसी प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता और आर्थिक शक्तियां बेहद उपयोगी होंगी.’’इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने के लिए हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है.’’उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में तेजी लाने के लिए भारत और जर्मनी लगातार सहयोग करते रहेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में मौकों का फायदा उठाने के लिए आमंत्रित किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ई-मोबिलिटी, स्मार्ट शहर, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है.’’
वहीं, चांसलर मर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर इस बात का सबूत हैं कि नई और उन्नत प्रौद्योगिकी की दिशा में रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 5जी और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र एक चुनौती हैं, इन पर साथ काम करना अहम है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)