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अनिल अंबानी इनकम टैक्स रिफंड से पैसा चुकाएंगे?

रिलायंस कम्युनिकेशन अपना वादा ही पूरा नहीं कर पाई

Published
भारत
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अनिल अंबानी को 4 हफ्ते के अंदर एरिक्सन को 456 करोड़ रुपए कैसे चुकाएंगे? इसका एक तरीका है कि उनके और कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन के पास इनकम टैक्स रिफंड में करीब 400 करोड़ रुपया मिला है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ है पैसा नहीं दिया तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा.

मतलब अनिल अंबानी को एक तरीका तो मिल गया है. बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, रिलायंस कम्युनिकेशन और उसके चेयरमैन अनिल अंबानी को इनकम टैक्स रिफंड से 394 करोड़ रुपए मिले हैं जिसका इस्तेमाल इस रकम को चुकाने में करना पड़ेगा क्योंकि कंपनी के पास बैंक बैलेंस बहुत कम है.

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लेकिन 394 करोड़ मिलने के बावजूद उन्हें 62 करोड़ रुपए का इंतजाम करना होगा. वैसे तो अंबानी पर एरिक्सन का 550 करोड़ रुपए बकाया था जो ब्याज मिलाकर करीब 575 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अदालत में 131 करोड़ रुपए जमा भी कर दिए हैं.

किस्त में पैसा चुकाने की अर्जी नामंजूर

अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन ने किस्तों में रकम चुकाने की मंजूरी मांगी थी लेकिन एरिक्सन इसके लिए तैयार नहीं हुई और वो पूरा पेमेंट ही चाहती है.

बाकी रकम कहां से जुटाएगी रिलायंस कम्युनिकेशन

  • कंपनी के पास रियल एस्टेट प्रॉपर्टी है जिसका इस्तेमाल रकम जुटाने में हो सकता है.
  • मुंबई में धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी, वैल्युएशन 15,000 करोड़ रुपए
  • आर कॉम की सब्सिडियरी GCX के पास 700 करोड़ रुपए के कैश रिजर्व

प्रॉपर्टी इतनी जल्दी नहीं बिकती

लेकिन रियल एस्टेट के सौदे इतने जल्दी नहीं होते. इनमें वक्त लगता है और अनिल अंबानी के पास समय कम है और विकल्प सीमित.

रिलायंस कम्युनिकेशन पहले ही डिफॉल्टर घोषित हो चुकी है. उस पर करीब 47,000 करोड़ रुपए का कर्ज है और कुल बैंक बैलेंस है सिर्फ 824 करोड़ रुपए.

एरिक्सन वाला मामला क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने जिस एरिक्सन वाले मामले में अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के दो अधिकारियों को दोषी ठहराया है वो पूरा मामला क्या है आइए बताते हैं.

  • RCom ने स्वीडन की टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एरिक्सन से टेलीकॉम इक्विपमेंट खरीदे. लेकिन उसका पेमेंट करने में विफल रही
  • भारी भरकम कर्ज के बाद रिलायंस कम्युनिकेशन डिफॉल्टर. मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल बोर्ड में
  • 2014 में एरिक्सन ने देशभर में रिलायंस कम्युनिकेशन के टेलीकॉम नेटवर्क को चलाने के लिए करार किया.
  • मामला जमा नहीं और एरिक्सन अपने 1150 करोड़ वसूलने एनसीएलटी चली गई
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रिलायंस कम्युनिकेशन अपना वादा ही पूरा नहीं कर पाई

रिलायंस कम्युनिकेशन ने मामला निपटाने के लिए 550 करोड़ रुपए का पेशकश की जिसे एरिक्सन ने मान लिया. लेकिन ये रकम 30 सितंबर 2018 तक दी जानी थी. लेकिन RCom रकम नहीं दे पाई.

एरिक्सन ने RCom के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई और सर्वोच्च अदालत ने इसके लिए उसे 15 दिसंबर 2018 तक का वक्त दिया. लेकिन दूसरी बार भी एरिक्सन को पेमेंट नहीं मिला. तब तीसरी बार एरिक्सन सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां अदालत ने जेल भेजने की धमकी दी.

RCom के साथ ट्रेजडी ये हुई कि अनिल अंबानी की कंपनी अपने बड़े भाई जियो के सामने ठहर नहीं पाई और 2017 में बंद होने की नौबत आ गई. भारी कर्ज ने हालात और बिगाड़ दिए और कंपनी बंद हो गई.

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