लोकपाल कानून को लागू करने और सभी राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त करने की मांग को लेकर 30 जनवरी से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अन्ना हजारे से मुलाकात करने उनके गांव रालेगण सिद्धि पहुंचे थे. यहां फडणवीस ने उन्हें मांगे जल्द से जल्द पूरी किए जाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद अन्ना ने जूस पीकर अपना अनशन खत्म कर दिया.
अन्ना हजारे से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि 13 फरवरी को लोकपाल को लेकर बैठक होगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगले सत्र में बिल पेश किया जाएगा.
करीब छह घंटे तक चली बैठक के बाद तोड़ा अनशन
अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ करीब छह घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद मंगलवार शाम अपना सात दिनों का लंबा अनशन तोड़ दिया. रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना हजारे के साथ हुई इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री राधे मोहन सिंह भी शामिल हुए.
इस बैठक के बाद फडणवीस ने हजारे से अनशन तोड़ने की गुजारिश की, जिसके बाद अन्ना ने मुख्यमंत्री के हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ दिया.
इन मांगों को लेकर अनशन पर बैठे थे अन्ना
अन्ना हजारे ने तीन-सूत्रीय मांगों को लेकर 30 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू की थी. इन मांगों में राष्ट्रीय स्तर पर लोकपाल लागू करना, सभी राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति और एम. एस. स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने की किसानों की मांग को पूरा करना शामिल है.
अन्ना ने बीजेपी पर लगाया था ये आरोप
इससे पहले अन्ना हजारे ने सोमवार को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 जीतकर सत्ता में आने के लिए उनका 'इस्तेमाल' किया था. इसके बाद सरकार तुरंत हरकत में आई और अन्ना हजारे को खुश करने के उपायों में जुट गई.
इस बयान के बाद फडणवीस मुंबई से मंगलवार दोपहर हजारे के गांव पहुंचे और उनके साथ बातचीत की.
मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्या कहा?
अन्ना हजारे के साथ मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही शुरू की जाएगी. लोकपाल सर्च कमेटी की बैठक 13 फरवरी को होगी, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में आदेश दिया है."
उन्होंने कहा कि जैसा कि अन्ना ने मांग की है महाराष्ट्र में लोकायुक्त के लिए एक संयुक्त मसौदा समिति बनाई जाएगी, जो नया विधेयक तैयार करेगी, और उसे इस महीने के अंत में विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त मसौदा समिति में सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा हजारे द्वारा नामित प्रतिनिधि भी होंगे.
उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करने की हजारे की मांग पर विचार किया जाएगा और आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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