पिछले पांच दिनों से अनशन कर रहे अन्ना हजारे ने अब केंद्र सरकार को पद्म भूषण लौटाने की चेतावनी दे डाली है. उन्होंने कहा है कि मुझे ये सम्मान समाज और देश के लिए काम करने के लिए दिया गया. लेकिन अगर देश और समाज के हालात यही रहने वाले हैं तो मैं इस अवॉर्ड को रखकर क्या करूंगा. अन्ना हजारे लोकपाल बिल और लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे हैं.
केंद्र सरकार से नाराजगी
अन्ना हजारे केंद्र की मोदी सरकार से खासे नाराज हैं. उन्होंने इससे पहले भी केंद्र को कई बार चुनौती दी थी और लोकपाल को लेकर ढ़ीला रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. अब एक बार फिर अन्ना हजारे ने केंद्र से सीधी टक्कर लेने का फैसला किया है. अनशन पर बैठे अन्ना ने कहा था कि उन्हें अगर कुछ भी होता है तो इसका जिम्मेदार केंद्र सरकार को माना जाएगा.
फिलहाल केंद्र सरकार की तरफ से अन्ना हजारे को लेकर किसी भी तरह का बयान जारी नहीं किया गया है और सरकार का कोई भी बड़ा मंत्री उनसे मिलने नहीं पहुंचा है. अन्ना सामाजिक कार्यों के लिए अपने ऐसे ही अनशनों के लिए जाने जाते हैं
शिवसेना का समर्थन
एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना ने भी अन्ना हजारे की मांगों का समर्थन किया है. शिवसेना की तरफ से अन्ना को कहा गया है कि वह समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करें. इसमें शिवसेना उनका पूरा साथ देगी.
किसानों के लिए भी मांग
अन्ना हजारे किसानों के लिए भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं. अन्ना की तबीयत में थोड़ी गिरावट बताई जा रही है. उनके डॉक्टर के मुताबिक पिछले पांच दिनों में उनका करीब 3 किलो से भी ज्यादा वजन कम हो चुका है. इसके साथ ही उनका ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर भी बढ़ा हुआ है.
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