नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच देश के 154 प्रबुद्ध नागरिकों' के एक ग्रुप ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिख CAA के नाम पर हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है. इन 154 लोगों में सरकार, संवैधानिक पदों से रिटायर्ड और बुद्धिजीवी आदि शामिल हैं.
इन 154 दिग्गजों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) के अध्यक्ष और सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व जज प्रमोद कोहली कर रहे हैं. प्रमोद कोहली ने आरोप लगाया कि सीएए के खिलाफ कुछ राजनीतिक तत्व 'हिंसक प्रदर्शन' को उकसा रहे हैं और इस अशांति का 'बाहरी आयाम' भी है. हालांकि, उन्होंने CAA, NRC, NPR के खिलाफ ‘उकसाने’ के लिए किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति का नाम नहीं लिया है.
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें हाईकोर्ट के 11 पूर्व जज, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और पूर्व राजनयिक समेत 72 पूर्व नौकरशाह, 56 शीर्ष पूर्व रक्षा अधिकारी, बुद्धिजीवी, अकादमिक विद्वान और चिकित्सा पेशेवर के हस्ताक्षर हैं.
इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण, केरल के पूर्व मुख्य सचिव सीवी आनंद बोस, पूर्व राजदूत जीएस अय्यर, पूर्व रॉ प्रमुख संजीव त्रिपाठी, आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक एस के कैन, दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त आरएस गुप्ता, पूर्व सेना उपप्रमुख एनएस मलिक जैसे कई दिग्गज शामिल हैं.
बता दें, नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिनमें से राष्ट्रीय राजधानी समेत कई राज्यों में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी देखने को मिल चुकी है. इस वजह से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने के साथ ही आम लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा. यूपी की योगी सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की अवैध संपत्तियां जब्त करने की बात कही है. कुछ लोगों को कानूनी नोटिस भी भेजे गए हैं.
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