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विस्फोटक तलाशने गई टीम को विधानसभा में मिले पान-मसाला पाउच

यूपी के विधायक नहीं मानते सीएम योगी आदित्यनाथ की बात!

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बीती 12 जुलाई को यूपी विधानसभा में जब सफाई कर्मचारी सफाई कर रहे थे तो उन्हें एक सीट के नीचे सफेद रंग का पाउडर मिला. मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पाउडर को फॉरेंसिक लैब भेजा गया. हालांकि, उस वक्त इसका खुलासा इसलिए नहीं किया गया, ताकि हंगामा न मचे. बाद में फॉरेंसिक लैब से पुष्टि होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में नाराजगी जताई. आनन-फानन में सदन की चौकसी बढ़ाई गई. अंदर भी सघन तलाशी अभियान चलाया गया. लेकिन जांच में जो निकला वो सीएम योगी को और भी ज्यादा परेशान कर सकता है.

अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच टीम ने जब सदन के भीतर तलाशी अभियान चलाया तो उसे विधायकों की सीटों के नीचे पान-मसाला की पीक के निशान और सीट की कुशन के कोनों में पान मसाला के पाउच ठुसे हुए मिले.

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विधानसभा के भीतर बेहद खतरनाक विस्फोटक PETN की 150 ग्राम मात्रा पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड ने विधानसभा भवन के भीतर हर सीट की बारीकी से जांच की. इस जांच में 'डर्टी सीक्रेट' खुलासा हुआ.

इन्वेस्टीगेशन टीम में शामिल एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ऐसा लगता है कि कई विधायक सदन की कार्यवाही के दौरान गुटखा और पान मसाला खाते हैं. और पान मसाला के पाउच को अपनी सीट के कुशन में या फिर अपने आस-पास बैठे दूसरे विधायकों की सीट में घुसा देते हैं. इतना ही नहीं सीटों के आस-पास पान मसाला की पीक के दाग भी मिले हैं. हम और विस्फोटक पदार्थों की तलाश कर रहे थे लेकिन वहां इस तरह की चीजें मिलीं.”  

योगी ने सत्ता में आते ही सरकारी दफ्तरों में बैन कर दिया था पान-मसाला

विधानसभा को को लोकतंत्र का मंदिर माना जाता है. लेकिन लोकतंत्र के इस मंदिर में पान-मसाला की पीक और सीटों में छिपाए गए गुटखे के पाउच मिलना वाकई हैरान कर देने वाला है. उससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले सरकारी दफ्तरों में गुटखा, तंबाकू और पान मसाला पर पूरी तरह रोक लगाई थी.

आदेश के तुरंत बाद आनन-फानन में सरकारी दफ्तरों की सफाई कराई गई. पान-मसालों की पीक के धब्बों को धोया गया. लेकिन अब विधानसभा के भीतर पीक के धब्बों और पान मसाला पाउचों के मिलने के बाद ये सवाल खड़ा हो गया है कि जब सरकार के हुक्म की तामील विधानसभा में ही नहीं हो रही है तो बाकी के सरकारी दफ्तरों का क्या हाल होगा?

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