केंद्र सरकार ने 8 जून को उत्तर प्रदेश कैडर के रिटायर्ड IAS अफसर अनूप चंद्र पांडे को इलेक्शन कमिश्नर नियुक्त कर दिया है. पूर्व चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के 12 अप्रैल को रिटायर होने के बाद से ये पद खाली था. अब तीन सदस्यीय कमीशन में फिर से तीनों सदस्यों के पद भर गए हैं. इन्हीं के नेतृत्व में आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड के चुनाव कराए जाएंगे. लेकिन विपक्ष अब अनूप चंद्र पांडे की नियुक्ति पर सवाल उठा रहा है.
चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा और इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार पैनल के बाकी के दो सदस्य हैं.
2019 में अपने रिटायरमेंट से पहले अनूप चंद्र पांडे उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव थे. साथ ही वो राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के चेयरमैन थे. पांडे मैकेनिकल इंजीनियर हैं, साथ में उसके पास MBA की डिग्री भी है. वहीं वो प्राचीन इतिहास में डॉक्ट्रेट भी कर चुके हैं.
चुनाव आयोग में पांडे का कार्यकाल 3 साल के आसपास रहेगा और वो फरवरी 2024 में रिटायर होंगे.
सोशल मीडिया पर अब विपक्ष अनूप चंद्र पांडे की नियुक्ति पर सवाल उठा रहाहै. टीएमसी के प्रवक्ता रिजु दत्ता ने ट्विटर पर लिखा-
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और को अब इलेक्शन कमिश्नर बनाए गए हैं. ये यूपी चुनाव के कुछ महीने पहले किया गया है.रिजु दत्ता,प्रवक्ता, टीएमसी
विद कांग्रेस के नेशनल एग्जीक्यूटिव नीरज भाटिया ने ट्वीट किया-
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने अनूप चंद्र पांडे को चुनाव आयुक्त बनाए जाने पर बधाई दी और लिखा- 'उम्मीद है कि आप देश की उम्मीद पर खरा उतरेंगे.'
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