बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप शुक्रवार को शाहीन बाग पहुंचे और उन्होंने वहां बिरयानी खाई. अनुराग कश्यप लगातार नागरिकता कानून के विरोध में बोलते आए हैं. शाहीन बाग जाने से पहले कश्यप जामिया भी पहुंचे थे. जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित भी किया. अनुराग ने वहां कुछ घंटे बिताए, जिसके बाद वो सीधे शाहीन बाग के लिए निकल पड़े.
शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कश्यप ने कहा, 'मैं बहुत दिनों से शाहीन बाग आना चाहता था. आप लोगों से हिम्मत मिलती है, इस हिम्मत से कितने सारे शाहीन बाग बन गए हैं.' अनुराग कश्यप ने कहा,
‘मैं सोच रहा था आऊंगा और स्टेज पर बिरयानी खाऊंगा. मैं किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हूं. ये बहुत मुश्किल लड़ाई है, धैर्य की लड़ाई है, जो आप लोग लड़ रहे हैं और बहुत लोग जो आपको देख रहें है, वो सोच रहें है कि आप लोग छोड़ कर चले जाएंगे.’
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए अनुराग कश्यप ने कहा,
‘मैं सरकार की बहुत सारी चीजों से असहमत हूं. सरकार के पास दिल नहीं है, इनको प्यार की भाषा समझ नहीं आती. बस इसी तरीके से हम लड़ सकते हैं. सरकार से आप बस प्यार बांटते रहिए, सरकार बस ताकत को अपने हाथ मे रखना चाहती है. इन्होंने अपने वादे नहीं निभाए. मैं इन पर विश्वास नहीं करता हूं. भारत सीमाओं से नहीं, यहां के लोगों से बनता है.’
शाहीन बाग में पिछले दो महीने से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. यहां की महिलाओं ने प्रदर्शन अपने हाथ में लिया है और इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं. लेकिन इस बीच शाहीन बाग में बिरयानी काफी मशहूर हो गई. आरोप लगे कि यहां प्रदर्शनकारी बिरयानी खाने के लिए आते हैं.
बिरयानी पर हुए विवाद के बाद अनुराग कश्यप को यहां सबसे पहले बिरयानी ही ऑफर की गई. उन्होंने यहां पहुंचने के बाद बिरयानी का लुत्फ उठाया.
अनुराग कश्यप ने शाहीन बाग पहुंचकर बिरयानी खाने की बात ट्विटर पर भी शेयर की. उन्होंने लिखा कि दादियों का जितना प्यार है उतना कभी नहीं देखा. कश्यप ने ट्विटर पर लिखा,
“शाहीन बाग की दादियों में जितना प्यार है उतना तो कहीं नहीं देखा. और वहाँ की उम्दा बिरयानी भी खाई. उंगलियाँ तक चाटीं. मजा आ गया बस यही कहूंगा कि,शाहीन बाग़ जिंदाबाद.”
इससे पहले जामिया पहुंचे अनुराग कश्यप ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई अभी लंबी है. चुनाव के साथ ये खत्म नहीं हो सकती है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आपकी हिम्मत देखकर मैं ट्विटर पर वापस आया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)