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भड़काऊ बयान: अनुराग-प्रवेश के खिलाफ FIR वाली याचिका पर सुनवाई टली

दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक रैली में विवादित नारे लगवाए थे

Published
भारत
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बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था. इस मामले पर आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन भड़काऊ भाषण पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी गई. कोर्ट अब 23 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई करेगा.

दरअसल, ये याचिका सीपीआईएम नेता वृंदा करात ने कोर्ट में लगाई थी. करात की याचिका में बीजेपी के दोनों नेताओं के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कथित नफरत भरे भाषणों की बात कही गई है.

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इन दोनों नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को लेकर कथित भड़काऊ बयान दिए थे.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक रैली में विवादित नारे लगवाए थे.

मंच से अनुराग ठाकुर ने खुद कहा था- ‘देश के गद्दारों को...’ जिसके बाद सामने मौजूद बीजेपी समर्थकों ने इस नारे को पूरा करते हुए- ‘गोली मारो सा*** को’ कहा था. अनुराग ठाकुर ने यहां कहा था कि शाहीन बाग में जो प्रदर्शन हो रहा है उसके पीछे विपक्षी दलों का हाथ है. इसके बाद उन्होंने समर्थकों से नारे लगाने को भी कहा.
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वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने भी चुनाव के दौरान बैन शाहीन बाग पर विवादित टिप्पणी की थी. वर्मा ने कहा था,

शाहीन बाग में लाखों लोग इकट्ठे हो जाते हैं, वो आग कभी भी दिल्ली के घरों तक पहुंच सकती है. हमारे घर में पहुंच सकती है. दिल्ली वालों को सोच समझकर फैसला लेना पड़ेगा. वे आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों और बेटियों को उठाएंगे, बलात्कार करेंगे, उनको मारेंगे.

बता दें कि इसके अलावा दिल्ली हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट भड़काऊ भाषण के मामले को सुनने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता हर्ष मंदर ने बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के उस फैसले को भी चुनौती दी है जिसमें इस मामले की सुनवाई 13 अप्रैल तक टाल दी गई है. याचिका में भड़काऊ भाषण देने के लिए इन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इस पर 4 मार्च को सुनवाई होगी.

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