सिंघू बॉर्डर पर रहने वाले कथित स्थानीय लोग किसान आंदोलन का विरोध कर रहे हैं. क्या ये वाकई स्थानीय लोग ही हैं? या फिर हिंसा फैलाने के लिए आए बाहरी.
खुद को स्थानीय बताकर किसान आंदोलन का विरोध करने वाले दो लोगों का सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी से कनेक्शन सामने आया है. ये लोग बतौर बीजेपी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन करते फोटो में देखे गए हैं. इसके अलावा कई फोटोज में ये बीजेपी नेताओं के साथ भी देखे जा सकते हैं.
सबसे पहले सोशल मीडिया पर ये दावा किया गया कि ये दो शख्स बीजेपी से जुड़े हैं. इसके बाद फैक्ट चेक वेबसाइट्स ने इस दावे की जांच भी की. संदिग्ध व्यक्तियों की सोशल मीडिया प्रोफाइल के आधार पर काफी हद तक दावे को सच माना जा रहा है.
अमन कुमार
आज तक के इस वीडियो में 22:50 मिनट पर अमन कुमार को देखा जा सकता है. इसमें अमन हाथ में तिरंगा लिए दिख रहा है. भीड़ के बीच में ये शख्स हल्के हरे, सफेद और नीले रंग के कपड़ों में दिख रहा है.
अमन इन्हीं कपड़ों में फेसबुक पर पोस्ट की गई फोटो में भी देखा जा सकता है. ये फोटो बीजेपी द्वारा आयोजित किए गए एक प्रदर्शन की है, जो अरविंद केजरीवाल सरकार के विरोध में था. (रिपोर्ट लिखे जाने तक अमन का फेसबुक अकाउंट एक्टिव है)
फोटो 25 जनवरी, 2021 को पोस्ट की गई है. सिंघू बॉर्डर पर इस शख्स के आने से ठीक 4 दिन पहले की. अन्य फोटोज यहां देखी जा सकती हैं.
केजरीवाल सरकार के जल बोर्ड के खिलाफ हुआ प्रदर्शन ही सिर्फ अमन कुमार के बीजेपी कनेक्शन का एकमात्र सुबूत नहीं है. अमन की पत्नि अंजू देवी नॉर्थ दिल्ली के बार्ड क्रमांक 31 की पार्षद हैं. पार्षद की माय नेता प्रोफाइल पर पति का नाम अमन कुमार लिखा हुआ है. पार्षद अंजू की फेसबुक प्रोफाइल पर एक दोनों पति -पत्नि भाजपा के पोस्टर में देखे जा सकते हैं ं. ( खबर लिखे जाने तक फेसबुक प्रोफाइल एक्टिव है)
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के मुताबिक, पूठ खुर्द ( जहां से अंजू पार्षद हैं) सिंघू बॉर्डर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है. कुमार ने अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर बीजेपी नेताओं के साथ हुई मीटिंग की तस्वीरें भी अपलोड की हैं.
यहां तक की अमन कुमार ने ट्विटर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली बीजेपी नेता मनोज तिवारी के साथ 27 जनवरी को हुई नुक्कड़ जनसभा की फोटो भी अपलोड की हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया में अमन और अंजू के आम आदमी पार्टी से भाजपा में शामिल होने की 22 मार्च, 2017 को छपी रिपोर्ट भी है.
कृष्ण दबस
ऑल्ट न्यूज ने सिघू बॉर्डर पर मौजूद एक अन्य शख्स की पहचान की, जिसने न्यूज नेशन की एक रिपोर्ट शेयर की थी. इस रिपोर्ट में कृष्ण दबस खुद को स्थानीय बताकर किसानों का विरोध करता दिख रहा है.
कृष्ण ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल लॉक कर सारा कंटेंट डिलीट कर दिया है. इस वजह से द क्विंट उसकी सोशल मीडिया पोस्ट्स की पुष्टि नहीं करता. फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने अकाउंट लॉक होने से पहले कृष्ण की पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट डाउनलोड कर लिए थे.
खुद अपलोड किए गए वीडियो में कृष्ण अमन कुमार के साथ देखा जा सकता है. आज तक के वीडियो में 1:45 मिनट और 0:25 मिनट पर कृष्ण को भीड़ में शामिल दिख रहा है.
कृष्ण भी केजरीवाल सरकार के विरोध में हुए उसी प्रदर्शन का हिस्सा था, जिसमें अमन कुमार शामिल था. हालांकि, 25 जनवरी को हुए इस प्रदर्शन की फोटो अब कृष्ण की फेसबुक प्रोफाइल पर उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन, अमन कुमार द्वारा अपलोड की गई फोटो में उसे दाईं तरफ देखा जा सकता है.
ऑल्ट न्यूज ने कृष्ण दबस और अंजू देवी के कुछ पोस्ट के स्क्रीनशॉट के जरिए ये बताया है कि कृष्ण भी पूठ खुर्द इलाके का ही है.
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