दिल्ली हिंसा में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती को लेकर सेना ने रक्षा मंत्रालय को खत लिखा है. सेना ने मांग की है कि देशभर में कानून-व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किए गए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कॉम्बैट ड्रेस न पहनें. आर्मी ने कहा है कि इससे सेना की छवि पर खराब प्रभाव पड़ सकता है.
आर्मी सूत्रों के मुताबिक, खत 24 फरवरी को लिखा गया है. दिल्ली हिंसा के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों को दिल्ली पुलिस के साथ कई क्षेत्रों में आर्मी पैटर्न की कॉम्बैट ड्रेस पहने देखा गया था.
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि काफी समय से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य के पुलिस बलों ने कॉम्बैट ड्रेस पहननी शुरू कर दी है. सूत्रों का कहना है कि इस ड्रेस और आर्मी की यूनिफॉर्म में बहुत मामूली अंतर है.
लेटर में लिखा गया, "दोनों ड्रेस में ये मामूली अंतर ज्यादातर नागरिक पहचान नहीं पाते हैं. नागरिकों को लगता है कि ऐसी ड्रेस पहने शहरों में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात, VIP एस्कॉर्ट और पुलिसिंग ड्यूटी में आर्मी तैनात है."
दुनिया में देश के बढ़ते प्रभाव के चलते कोई भी इवेंट लगातार डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मीडिया की नजरों में रहता है. CAPF और राज्यों के पुलिस बलों के कॉम्बैट ड्रेस पहनने की वजह से ऐसा समझा जा सकता है कि आर्मी चुनाव की ड्यूटी और आंतरिक सुरक्षा में तैनात है. इसका हमारी छवि पर गलत प्रभाव हो सकता है.आर्मी सूत्रों ने बताया
आर्मी ने खत में लिखा, "CAPF और राज्य के पुलिस बलों के रंग और पैटर्न में अलग यूनिफॉर्म पहनने को केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के जंगल के इलाकों में तैनाती के दौरान ही सीमित करना चाहिए." आर्मी का कहना है कि बुलेटप्रूफ जैकेट भी सादी खाकी रंग की होनी चाहिए.
इसके अलावा खत में आर्मी पैटर्न के कपड़ों की खुले बाजार में बिक्री को रेगुलेट करने की भी बात की गई.
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