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पत्थरबाजी के वक्त सेना को मरने के लिए नहीं कह सकताः आर्मी चीफ

आर्मी चीफ ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी पत्थर फेंकने के बजाए हथियारों से फायरिंग कर रहे होते, तो वो खुश होते

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आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कश्मीर में हो रही हिंसा और पत्थरबाजी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब सेना पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके जा रहे हों, तब सेना को देखते रहने और मरने के लिए नहीं कहा जा सकता.

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जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में 'डर्टी वॉर' का सामना कर रही है, जिससे नए तरीके से लड़ने की जरूरत है.

जब पत्थरबाजी हो रही होती है, तो मेरे कर्मी मुझसे पूछते हैं कि हम क्या करें? तो क्या मुझे यह कहना चाहिए कि बस इंतजार करिए और जान दे दीजिए? आर्मी चीफ के तौर पर क्या मुझे यह कहना चाहिए? मुझे वहां तैनात सैनिकों को मनोबल बनाए रखना है.
जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ
बिपिन रावत ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी पत्थर फेंकने की बजाए हथियारों से फायरिंग कर रहे होते, तो वो खुश होते.

कुछ दिन पहले मेजर लीतुल गोगोई ने जीप के आगे एक पत्थरबाज को बांधकर घुमाया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद सेना को आलोचना का सामना करना पड़ा था.

सेना ने हाल ही में मेजर गोगोई को सम्मानित किया. आर्मी चीफ ने कहा कि गोगोई को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य सेना के युवा अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना था.

आपको बता दें कि इस मामले में मेजर गोगोई के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वारी चल रही है.

(इनपुट भाषा से)

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