कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम सीमापार घुसकर मार सकते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर में किसी भी तरह की अशांति फैलाने का मौका नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पालता है. जो जरूरत पड़ने पर उसका काम करते हैं. लेकिन ये लुका-छिपी का खेल ज्यादा नहीं चलने वाला. अगर हमें उस पार जाना पड़ा तो हम जाएंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में आर्मी चीफ ने कहा,
‘भारतीय सेना की तरफ से की गई स्ट्राइक्स ने एक मैसेज दिया कि लाइन ऑफ कंट्रोल हमेशा सुरक्षित होनी चाहिए. जब तक कि दूसरी तरफ से शांति और माहौल बिगाड़ने की कोशिश न की जाए. अगर हमें सीमा पार करने की जरूरत पड़ी तो हम करेंगे. फिर चाहे वो हवा से हो या जमीन के रास्ते.’
पाकिस्तान देता है आतंकियों का साथ
आर्मी चीफ बिपिन रावत से जब पूछा गया कि पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई के आतंकियों को समर्थन देने पर आपका क्या कहना है? इस पर रावत ने कहा, यह साबित हो चुका है. वो लोग भारत की तरफ से कई सबूत दिए जाने के बाद भी लगातार कहते हैं कि हम आतंकियों को सपोर्ट नहीं करते हैं. आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद उन्होंने साफ कहा है कि वो कश्मीर में जिहाद के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान में आतंकी कैंप चल रहे हैं. यहां तक कि समय-समय पर उन्हें शिफ्ट भी किया जाता है. पाकिस्तान प्रॉक्सी वॉर को ही अपना हथियार बनाता है.
कैसे हो सकता है परमाणु हथियारों का इस्तेमाल?
आर्मी चीफ ने पाकिस्तान की तरफ से लगातार दी जा रही परमाणु हमलों की धमकियों पर कहा, परमाणु हथियार एक निवारक हैं. वो युद्ध में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार नहीं हैं. मुझे हैरानी होती है जब कोई दावा करता है कि वो कन्वेंशनल वॉर में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. क्या दुनिया कभी भी आपको परमाणु हथियार का ऐसा इस्तेमाल करने देगी?
बता दें कि इससे पहले भी मीडिया के साथ बातचीत करते हुए आर्मी चीफ ने कहा था कि वो अब बालाकोट की क्यों सोचें, अब आगे की सोचने की जरूरत है. एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा था, "भारतीय सेना बालाकोट को दोबारा रिपीट क्यों करेगी, उससे आगे की भी सोच सकते हैं. पाकिस्तान ने बालाकोट में एक बार फिर टेरर कैंप एक्टिव कर दिए हैं."
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