रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) की गिरफ्तारी होने के बाद कथित तौर पर कहा गया कि जेल में उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और अर्णब को उनके परिवारवालों से नहीं मिलने दिया जा रहा है. इस मामले में अब महाराष्ट्र के गवर्नर ने हस्तक्षेप किया है और अपनी चिताएं राज्य सरकार को बताई हैं. राज्यपाल ने अर्णब के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंता का भी जिक्र सरकार से किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को 9 नवंबर को सुबह फोन करके अपनी चिंताओं के बारे में अवगत कराया है. साथ ही राज्यपाल ने अर्णब के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की है.
राज्यपाल ने गृह मंत्री से ये भी कहा है कि पत्रकार के परिवार को उनसे मिलने दिया जाना चाहिए.
अर्णब को बॉम्बे हाईकोर्ट से भी राहत नहीं
दूसरी तरफ अर्णब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही जमानत के लिए लोअर कोर्ट में जाने का निर्देश भी दिया है.
अर्णब पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप हैं. साल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक ने अलीबाग में अपने ही घर पर सुसाइड कर लिया था. इस सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी का नाम लिखा गया था. कुछ दिन बाद नाइक की मां की भी मौत हो गई थी.
तलोजा जेल में अर्णब गोस्वामी को शिफ्ट किया गया
इससे पहले 8 नवंबर को अर्णब गोस्वामी को नवी मुंबई ते तलोजा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. गिरफ्तारी के बाद अर्णब को अलीबाग म्यूनिसिपल स्कूल में एक क्वॉरन्टीन सेंटर में रखा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायिक हिरासत में होने के बाद भी अर्णब गोस्वामी किसी का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे और सोशल मीडिया पर एक्टिव थे. अर्णब को 5 नवंबर को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
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