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2018 का केस तो अब क्यों अर्णब की गिरफ्तारी, कितना मजबूत है मामला?

इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक ने 2018 में किया था सुसाइड, अर्णब पर उकसाने का आरोप

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मुंबई पुलिस की एक टीम ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने एक इंटीरियर डिजाइनर के पैसों का भुगतान नहीं किया और उन्हें सुसाइड के लिए मजबूर किया. दरअसल 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक ने अलीबाग में अपने ही घर पर सुसाइड कर लिया था. इस सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी का नाम लिखा गया था. हालांकि अर्णब ने आरोपों से इनकार किया है.

फिलहाल, अर्णब गोस्वामी को 14 दिन की जेल में भेज दिया गया है.

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अर्णब के खिलाफ क्या है मामला?

दरअसल 5 मई 2018 को अवन्य नाइक ने अलीबाग में सुसाइड कर लिया था. जो महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित है. साथ ही उनकी मां कुमुद नाइक भी घर पर मृत अवस्था में पाई गईं थीं. पुलिस को घर से जो सुसाइड नोट मिला, उसमें नाइक ने लिखा था कि वो और उनकी मां पैसों की तंगी से जूझ रहे थे. इसीलिए आखिर में उन्होंने खुदकुशी करने का फैसला किया. सुसाइड नोट में बताया गया था कि उनकी कंपनी कॉनकोर्ड डिजाइंस प्राइवेट लिमिटेड को उनकी तीन क्लाइंट्स ने काम के बाद बड़ी रकम देने से इनकार कर दिया. इन तीनों क्लाइंट्स में -

  1. अर्णब गोस्वामी (एआरजी आउटलियर/रिपब्लिक टीवी)को कंपनी के 83 लाख रुपये चुकाने थे
  2. नीतीश शारदा (स्मार्टवर्क्स) को 55 लाख रुपये
  3. फिरोज शेख (स्काइमीडिया) को 4 करोड़ की पेमेंट करनी थी
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इस पूरे मामले को लेकर 2018 में मुंबई पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. नाइक की पत्नी अक्षता की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इस दौरान नाइक की पत्नी ने आरोप लगाया था कि मुंबई में रिपब्लिक टीवी के ऑफिस का पूरा काम करने के बाद अर्णब गोस्वामी ने कॉन्ट्रैक्ट में लिखी अमाउंट को देने से साफ इनकार कर दिया था. जबकि काम पूरा हो चुका था.

तो अर्णब क्यों हुए गिरफ्तार?

अब अर्णब गोस्वामी को इसी मामले को लेकर गिरफ्तार किया गया है. उन्हें नाइक की पत्नी के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर हुई जांच के बाद गिरफ्तार किया गया. जिसमें अर्णब गोस्वामी का नाम लिखा था. हालांकि अर्णब ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने पूरी पेमेंट कर दी थी.

दरअसल ये केस दोबारा खोला गया है, पिछले साल 2019 में बीजेपी की फडणवीस सरकार के दौरान पुलिस ने केस को ये कहते हुए बंद कर दिया था कि उन्हें पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं.
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नाइक की बेटी ने की अपील, फिर खुला केस

इसके बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि उन्होंने इस मामले की सीआईडी से दोबारा जांच कराने के आदेश जारी किए हैं, क्योंकि नाइक की बेटी ने उन्हें इसके लिए शिकायत की है. बता दें कि परिवार लगातार अर्णब गोस्वामी के खिलाफ आवाज उठाता आया है. जब अगस्त के महीने में अर्णब गोस्वामी ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर कई सवाल उठाए थे तो नाइक की पत्नी ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा था कि अर्णब इस केस को लेकर खूब सवाल उठा रहे हैं, लेकिन वो खुद मेरे पति और मेरी सास की मौत के जिम्मेदार हैं. उन्होंने पूछा था कि उनके केस का क्या हुआ और उनके परिवार को आखिर कब न्याय मिलेगा?

हालांकि अर्णब गोस्वामी को लेकर मुंबई में कई और मामलों की भी जांच जारी है. उनके खिलाफ टीआरपी घोटाला करने, पालघर लिंचिंग केस की भड़काऊ रिपोर्टिंग और मुंबई पुलिस के खिलाफ खुलकर बयानबाजी के आरोप हैं. इन सभी मामलों को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज हैं.
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सुसाइड के लिए उकसाने की धारा

अब अर्णब को आईपीसी की धारा 306 के तहत मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. धारा 306 किसी शख्स को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए लगाई जाती है. इसमें अपराध साबित होने पर उस शख्स को 10 साल की कैद या जुर्माना भी लगाया जा सकता है. लेकिन इस धारा के तहत किसी को दोषी करार दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के खास निर्देश हैं. जिनके मुताबिक धारा 306 के तहत किसी को दोषी ठहराने के लिए स्पष्ट कारण होना चाहिए. इसके लिए ये भी देखा जाता है वो क्या कारण था जिसके चलते कोई विकल्प नहीं होने के बाद आत्महत्या की गई है, साथ ही इसमें शख्स को उस अवस्था तक पहुंचाना, जिसमें कोई खुदकुशी कर ले, ये भी इसी कानून के तहत आता है.

मुंबई पुलिस के लिए साबित करना कितना मुश्किल?

अब अगर इस केस में अर्णब गोस्वामी ये साबित करने में फेल भी हो जाते हैं कि उन्होंने नाइक की कंपनी को पैसे चुका दिए थे, तब भी मुंबई पुलिस के लिए उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर दोषी साबित कर पाना मुश्किल होगा. क्योंकि इससे ये साबित करना मुश्किल है कि ऐसा करके उन्होंने नाइक को सुसाइड करने के लिए मजबूर किया. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों को देखते हुए भी यही साबित होता है. हालांकि ये देखना होगा कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में क्या नए सबूत इकट्ठा किए हैं, जो अर्णब गोस्वामी के खिलाफ जा सकते हैं.

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