दिल्ली में यमुना के किनारे मार्च महीने में हुए श्रीश्री रविशंकर की संस्था ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल से पर्यावरण को भारी नुकसान की बात सामने आई है. एक्सपर्ट्स के एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ये बात एनजीटी को बताई है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विशेषज्ञों के एक पैनल ने एनजीटी को बताया कि श्रीश्री रविशंकर के कार्यक्रम के दौरान यमुना तट को भारी नुकसान पहुंचा है. विशेषज्ञों ने कहा है कि कार्यक्रम से पर्यावरण को इतना भारी नुकसान पहुंचा है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है.
जल संसाधन मंत्रालय के सचिव शशि शेखर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बीते 28 जुलाई को एनजीटी को सौंपी.
इवेंट के लिए इस्तेमाल किया गया डीएनडी फ्लाईओवर और बारापूला ड्रेन के बीच वाला यमुना का तटीय क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. यह इलाका पूरी तरह से समतल, ठोस और कठोर हो चुका है. तटीय क्षेत्र में अब किसी भी तरह की कोई वनस्पति नहीं है और वाटर बॉडी ग्राउंड पूरी तरह से गायब है.एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट
कमेटी ने यह भी कहा है कि 15 अप्रैल को आर्ट ऑफ लिविंग के वॉलंटियर्स ने उनके सदस्यों को साइट स्टडी करने से रोका और उन्हें वहां से हटने के लिए मजबूर किया.
इसके बाद कमेटी ने 6 जून को विजुअल एसेसमेंट के लिए साइट का फिर से दौरा किया. कमेटी के मुताबिक, 15 मार्च और 10 मई को ली गईं तस्वीरें भी उनकी जांच रिपोर्ट को पुख्ता करती हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)