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आर्टिकल 35A पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 19 जनवरी को

घाटी में बंद, सुरक्षा बलों की बड़ी संख्या में तैनाती

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संविधान के आर्टिकल 35ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई फिलहाल टल गई है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हुई. लेकिन कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी 2019 को होगी.

आर्टिकल 35एक की वैधता की चुनौती देने वाली याचिका के विरोध में अलगाववादियों ने 30 और 31 अगस्त को जम्मू-प्रदेश बंद करने का आह्वान किया है. हालांकि किसी भी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है.

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27 अगस्त को इस मामले में सिर्फ वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की ताजा याचिका पर सुनवाई हुई थी. उस दिन यह फैसला किया गया कि इसकी संवैधानिकता पर उठाए गए सवाल को लेकर दायर याचिका पर 31 अगस्त को सुनवाई होगी.

घाटी में बंद, सुरक्षा बलों की तैनाती

आर्टिकल 35ए के सपोर्ट में सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले अलगाववादी संगठन ने 30 और 31 अगस्त को जम्मू-कश्मीर बंद करने का फैसला किया है.

अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. पुलिस के मुताबिक, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं.

जम्मू पुलिस ने एक बयान में कहा, श्रीनगर के नौहट्टा, खान्यार, रैनावाड़ी, एम.आर. गंज और सफा कदल पुलिस स्टेशनों के इलाके में प्रतिबंध लगाए गए हैं. बारामूला और बनिहाल के बीच रेल सेवाओं को दो दिन के लिए रद्द कर दिया गया है.

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पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा, “अनुच्छेद 35ए पिछले 60 सालों से चलन में है. हम केवल यह देखेंगे कि यह संविधान की मूल अवधारणा का उल्लंघन कर रहा है या नहीं.”
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सितंबर के बाद सुनवाई के लिए सरकार का अनुरोध

सरकार ने जम्मू में सितंबर में तय पंचायत और शहरी निकाय चुनाव का हवाला देते हुए याचिका पर फिलहाल सुनवाई नहीं करने का अनुरोध किया था. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि सितंबर में 6,000 पंचायतों के चुनाव होंगे, इसलिए यह सुनवाई करने का ठीक समय नहीं है. उन्होंने कहा था कि इस मामले में वार्ताकार भी राज्य सरकार से बातचीत कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई को केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार से संविधान के अनुच्छेद 35 ए को असंवैधानिक बताने वाली याचिकाओं के संबंध में जवाब मांगा था.

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