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केजरीवाल की चुनौती- किसानों से बहस कर लें केंद्र के सबसे बड़े नेता

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर स्मारक पर पहुंच चुके हैं. बता दें पिछले एक महीने से हजारों किसान सिंघु बॉर्डर पर तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस मौके पर केजरीवाल ने कहा, मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं, इनकी बातें सुनकर कृषि के तीनों कानूनों को वापस ले लीजिए, किसानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है, अगर किसान राष्ट्रद्रोही हो गया तो तुम्हारा पेट कौन भरेगा? किसानों की खेती चली गई तो किसान कहां जाएगा? किसानों के पास क्या बचेगा.

केंद्र सरकार आरोप लगा रही है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा हैं. मैं केंद्र सरकार को चुनौती देता हूं कि केंद्र सरकार अपने सबसे बड़े नेता को लेकर आ जाए और हमारे किसान नेता आ जाएं, पब्लिक में चर्चा हो जाए. पता चल जाएगा कि किसको कितनी जानकारी है.
अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, "यह तीन कानून लेकर आए हैं, इनके जरिए अब यह आपकी खेती भी छीनना चाहते हैं. इसे अपने 2-3 बड़े-बड़े उद्योगपति दोस्तों को देना चाहते हैं. अगर किसान की खेती भी चली गई, तो वह कहां जाएगा."

पंजाबी अकादमी ने सिंघु में गुरु तेग बहादुर मेमोरियल पर दो दिन का शहीदी दिवस कार्यक्रम रखा है. इसी में हिस्सा लेने के लिए केजरीवाल वहां पहुंचे हैं.

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इससे पहले केजरीवाल ने पंजाबी में ट्वीट करते हुए लिखा था, “छोटे साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी और माता गुजरी जी की शहादत के दिन मैं उन्हें सलाम करता हूं.”

बता दें इससे पहले 7 दिसंबर को भी अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे और वहां उन्होंने किसानों की मांगों के साथ अपना समर्थन जताया था. उन्होंने कहा था, "हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं. उनके मुद्दे और उनकी मांग जायज हैं. मेरी पार्टी और मैं उनके साथ शुरु से ही खड़े हुए हैं."

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