ADVERTISEMENTREMOVE AD

UNLOCK 3 पर केजरीवाल के फैसले को LG ने पलटा, विवादों की लंबी लिस्ट

एलजी ने 1 अगस्त से होटल, बाजार खोलने के केजरीवाल सरकार के फैसले को पलटा

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दिल्ली में एक अगस्त से होटल, साप्ताहिक बाजार खोलने के दिल्ली सरकार के फैसले को एलजी ने पलट दिया है. केजरीवाल सरकार ने 30 जुलाई को ट्रायल के तौर पर इन्हें खोलने का ऐलान किया था. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की UNLOCK 3 की योजना को किनारे कर दिया है और कहा है कि अभी दिल्ली में कोरोना की स्थिति नाजुक बनी हुई है. हाल फिलहाल एलजी ने केजरीवाल सरकार के कई फैसलों को पलटा है और अब लग रहा है कि सरकार और एलजी दफ्तर में फिर एक बार टकराव की स्थिति आ गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
ऐसा नहीं है कि दिल्ली के गवर्नर और दिल्ली सरकार के बीच टसल अभी शुरू हुई हो. केजरीवाल की पहली सरकार के बनने के बाद से ही दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच कई मुद्दों को लेकर रस्साकशी हुई है. आम आदमी पार्टी ने इससे निजात पाने के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया था.

दिल्ली हिंसा पर LG ने पलटा कैबिनेट का चुना हुआ वकीलों का पैनल

नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाए और दिल्ली पुलिस के वकीलों का पैनल खारिज कर दिया. इसके बाद सरकार ने कहा कि वो खुद पैनल तैयार करेंगे. लेकिन केजरीवाल कैबिनेट ने दिल्ली हिंसा मामले की जांच के लिए जो पुलिस ने वकीलों का पैनल बनाया था, उसे लेफ्टिनेंट गवर्नर ने खारिज कर दिया. केजरीवाल कैबिनेट की तरफ से कहा गया कि दिल्ली पुलिस के इस पैनल से निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती है. दिल्ली कैबिनेट का मानना था कि दिल्ली दंगों के संबंध में दिल्ली पुलिस की जांच को कोर्ट ने निष्पक्ष नहीं माना है. ऐसे में दिल्ली पुलिस के पैनल को मंजूरी देने से केस की निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है.

सिर्फ दिल्ली वासियों के इलाज वाला फैसला

जून 2020 में दिल्ली सरकार ने एक रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया था कि दिल्ली के 90 फीसदी लोगों ने कहा कि जब तक कोरोना मामले हैं तब तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज हो. इसके बाद केजरीवाल सरकार के इस फैसले को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पलट दिया था. तब अनिल बैजल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिए कि दिल्ली के निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी रोगी को चिकित्सा उपचार से इनकार नहीं किया जाएगा. वैसे दिल्ली सरकार के इस फैसले पर सारी पार्टियों ने खूब आलोचना की थी.

कोरोना टेस्टिंग को लेकर LG ने पलटा था सरकार का फैसला

जून में ही दिल्ली सरकार ने फैसला किया ऐसे लोग जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिख रहे हैं उनका कोरोना टेस्ट नहीं किया जाएगा. दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को भी पलट दिया था और कहा था कि चाहे लक्षण हों या न हों कोई भी कोरोना टेस्ट करा सकता है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा था कि ICMR की गाइलाइंस का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.

साथ ही ऐसी ही बहस होम क्वॉरंटीन के नियमों को लेकर भी हुई थी. जिसमें एलजी ने कहा था कि सभी कोरोना मरीजों को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में रखा जाए. लेकिन दिल्ली सरकार का कहना था कि ये मुमकिन नहीं है. आखिरकार एलजी ने अपने फैसले को वापस ले लिया था.

ACB अपॉइंटमेंट केस का विवाद

जून 2015 में दिल्ली सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो में बिहार पुलिस के 5 अधिकारियों को शामिल कर लिया. तब दिल्ली के गवर्नर नजीब जंग ने दिल्ली सरकार का फैसला बदल दिया और दावा किया एंटी करप्शन ब्यूरो के बॉस वो हैं और दिल्ली सरकार इन अधिकारियों की नियुक्ति नहीं कर सकती. इसके बाद उप राज्यपाल ने अपने पसंद के अधिकारी को दिल्ली करप्शन ब्यूरो का प्रमुख बनाया तो दिल्ली सरकार ने नजीब जंग के इस फैसले का विरोध किया.

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच की ये लड़ाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल सरकार के काम में बाधा न बनें. कोर्ट ने ये भी कहा था कि उप राज्यपाल को स्वतंत्र फैसले लेने का अधिकार नहीं है और उन्हें कैबिनेट के सहयोग पर ही काम करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से तय हो गया था कि दिल्ली में मुख्यमंत्री और राज्यपाल में से ज्यादा कानूनी अधिकार किसके पास होंगे.

IAS अधिकारियों के ट्रांसफर का मुद्दा

दिल्ली सरकार ने जून 2015 में गृह सचिव धरमपाल का ट्रांसफर किया तो लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इस फैसले पर वीटो लगा दिया और कहा कि एलजी की अनुमति के बिना ट्रांसफर नहीं हो सकता. इसके बाद भी अधिकारियों के ट्रांसफर के अधिकार को लेकर विवाद चलता रहा.

सर्किल दरों में बढ़ोतरी का मुद्दा

1 अगस्त 2015 में ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने फैसला किया एग्रीकल्चर जमीन के लिए सर्किट रेट में इजाफा किया जाए. इसके बाद तब के राज्यपाल नजीब जंग ने इस फैसले पर आपत्ति जताआई. इसी महीने में CNG फिटनेस घोटाले पर जांच के लिए दिल्ली की सरकार ने समिति बनाई इस पर भी एलजी ने आपत्ति जताई थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×