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‘JNU से मोदी की दुश्मनी जगजाहिर’, JNU में हिंसा पर भड़के नेता

अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में ही सुरक्षित नहीं हैं, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा.

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भारत
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JNU कैंपस में रविवार शाम को हिंसा की खबरें आईं. हाथ में डंडे और रॉड लिए और कुछ मास्क पहने हमलावरों ने कैंपस के अंदर घुसकर जमकर तोड़पोड़ की. इस दौरान जेएनयूएसयू अध्यक्ष, महासचिव समेत कई छात्रों के गंभीर रूप से जख्मी होने की खबर है. कुछ शिक्षक भी घायल बताए जा रहे हैं.

जेएनयू में हुई इस हिंसा परआम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना, स्वराज इंडिया समेत कई पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने गुस्सा जाहिर किया है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "नकाबपोश ठगों ने जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर क्रूर हमला किया. कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हमारा देश फासीवादियों के कंट्रोल में है. वह हमारे बहादुर छात्रों की आवाज से डरते हैं. जेएनयू में हिंसा उसी डर का प्रतिबिंब है."

JNU कैंपस में ही छात्र सुरक्षित नहीं, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में ही सुरक्षित नहीं हैं, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा.

केजरीवाल ने कहा, 'जेएनयू में हुई हिंसा के बारे में जानकर मैं बहुत हैरान हूं. छात्रों ने बेरहमी से हमला किया. पुलिस को तुरंत हिंसा रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए. अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा?'

JNU में मोदी सरकार की दुश्मनी जगजाहिर

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जेएनयू कैंपस में कुछ छात्रों के साथ मारपीट के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सुरजेवाला ने कहा, 'जेएनयू में मोदी सरकार की दुश्मनी जगजाहिर है. दिल्ली पुलिस जेएनयू के गेट पर है. इसके बावजूद, गुंडों ने लाठी से साबरमती और अन्य छात्रावासों में छात्रों और शिक्षकों की पिटाई की. क्या योजनाबद्ध तरीक से तबाही फैलाई जा रही है?'

मोदी जी और अमित शाह जी की आखिर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फीस बढ़ोतरी के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई.
रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस प्रवक्ता
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अपने ही बच्चों पर हिंसा कर रही सरकारः प्रियंका गांधी

घायलों से AIIMS ट्रॉमा सेंटर में मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हें घायल छात्रों ने बताया कि कुछ गुंडे कैंपस में घुसे और हथियार और लाठियों से हमला किया. प्रियंका ने लिखा कि कईयों को सिर पर काफी चोट आई है.

प्रियंका ने कहा- “एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने कई बार उसके सिर पर लात मारी. इस सरकार में कुछ बहुत ही गलत है, जो अपने ही बच्चों पर इस तरह की हिंसा को बढ़ावा देती है.”

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इन गुंडों को कार्रवाई का सामना करना होगा: आदित्य ठाकरे

महाष्ट्र सरकार में पर्यावरण और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, "विरोध करते समय छात्रों द्वारा सामना की जाने वाली हिंसा और क्रूरता चिंताजनक है, चाहे वो जामिया में हो, या जेएनयू में. छात्रों का क्रूर ताकतों से सामना नहीं होना चाहिए! इन गुंडों को कार्रवाई का सामना करना होगा. जल्द इंसाफ के लिए इन पर कार्रवाई होनी चाहिए."

गौतम गंभीर ने की JNU हिंसा की निंदा

गौतम गंभीर ने ट्वीट किया- "यूनिवर्सिटी कैंपस में इस तरह की हिंसा पूरी तरह से इस देश के लोकाचार के खिलाफ है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विचारधारा क्या है, छात्रों को इस तरह से निशाना नहीं बनाया जा सकता है. इन गुंडों को सख्त सजा दी जानी चाहिए जिन्होंने यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने की हिम्मत की है."

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JNU में हिंसा पर भड़के नेता

JNU में योगेंद्र यादव से धक्का-मुक्की

जेएनयू में हिंसा के बीच स्वराज इंडिया के फाउंडर योगेंद्र यादव भी जेएनयू पहुंचे थे. जेएनयू सिक्योरिटी गार्ड और पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. साथ ही वहां मौजूद भीड़ ने उनके साथ बदसलूकी भी की. योगेंद्र यादव ने कहा, कैंपस के दरवाजे बंद हैं, पुलिस सामने खड़ी है और अंदर से रिपोर्ट आ रही है कि हॉस्टल में घुस-घुसकर छात्रों को मारा जा रहा है.

क्या है मामला?

5 जनवरी को JNU कैंपस में एबीवीपी और वामपंथी छात्रों के बीच हिंसक झड़प की खबर आई. एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कथित तौर पर आरोप लगया है कि जेएनयू के पेरियार छात्रावास के छात्रों के साथ वामपंथी छात्रों ने मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने कहा, "करीब चार से पांच सौ वाम सदस्य पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा."

वहीं जेएनयूएसयू के महासचिव सतीश चंद्र ने कहा, "एबीवीपी और प्रशासन बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों के प्रदर्शन को निशाना बना रहे हैं. यह और कुछ नहीं छात्रों और समाज को गुमराह करने के लिए लगाए जा रहे झूठे आरोप हैं."

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