दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल डेनमार्क में क्लाइमेट चेंज की बैठक में शामिल नहीं होंगे. इसके लिए उन्हें मंगलवार दोपहर को रवाना होना था लेकिन विदेश मंत्रालय से राजनीतिक मंजूरी नहीं मिली.
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल दोपहर दो बजे सम्मेलन के लिए रवाना होने वाले थे. केजरीवाल सम्मेलन में भारत की आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम को सम्मेलन में शामिल होने की मंजूरी दे दी है. सम्मेलन में केजरीवाल दिल्ली में आप सरकार की ओर से प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों समेत कई अन्य मुद्दों पर संबोधित करने वाले थे.
'एक फैसला कई चीजों पर आधारित होता है'
विदेश के मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा "मैं राजनीतिक मंजूरी के लिए सवालों का जवाब नहीं देना चाहता. यदि आप समझदार हैं तो आपको इसकी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी होगी. हमें हर महीने मंत्रालयों, सचिवों, नौकरशाहों से राजनीतिक मंजूरी के लिए सैकड़ों अनुरोध मिलते हैं. एक निर्णय कई सूचनाओं पर आधारित होता है."
22 सितंबर को दिल्ली सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के आप सरकार के प्रयासों और अनुभव को शिखर सम्मेलन में शेयर करने की उम्मीद थी. आप सरकार के प्रयासों की बदौलत दिल्ली के वायु प्रदूषण में 25 फीसदी तक की कमी आयी है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसे ‘बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा, ‘इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल होगी. लोग क्या सोचेंगे कि हमारी संघीय संरचना कैसे काम करती है. केंद्र सरकार हमारे खिलाफ क्यों है?’
(इनपुट: भाषा)
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