दिल्ली शराब नीति (Delhi Liquor Policy) मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू से पांच सवालों के जवाब के साथ अगली तारीख पर तैयार रहने को कहा है. इसमें एक सवाल केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय (टाइमिंग) से संबंधित है.
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने एक दिन पहले एक घंटे की सुनवाई के बाद मामले की अब विस्तार से सुनवाई की है. कोर्ट की कार्यवाही के हाईलाइट वो सवाल हैं जो ईडी से पूछे गए हैं. वो सवाल हैं:
क्या बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के, विजय मदनलाल चौधरी या अन्य मामले में जो कहा गया है, उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है?
(दरअसल न्यायमूर्ति खन्ना ये पूछना चाह रहे हैं कि केजरीवाल के मामले में, अब तक कोई संपत्ति जब्ती नहीं हुई है. हालांकि, अगर हुई है, तो ईडी को यह दिखाना होगा कि उनका संबंध कैसे था)
मनीष सिसोदिया के मामले में फैसले के दो भाग हैं - एक, जो उनके पक्ष में है, और दूसरा, जो उनके पक्ष में नहीं है. केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है?
उनका (केजरीवाल) मानना है कि PMLA की धारा 19 के तहत जाने पर साबित करने की जिम्मेदारी अभियुक्त पर नहीं बल्कि अभियोजन पक्ष पर होती है, इसीलिए उन्होंने जमानत की मांग नहीं की, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें धारा 45 के कठिन नियमों का सामना करना पड़ता और जिम्मेदारी उन पर आ जाती. तो PMLA धारा 19 की व्याख्या कैसे करें?
केस की कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच के समय का अंतर इतना क्यों है. उसके गंभीर परिणाम होंगे. वहीं न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि, "स्वतंत्रता अत्यधिक महत्वपूर्ण है, हम इसे नकार नहीं सकते.
गिरफ्तारी की टाइमिंग (आम चुनाव से पहले).
अब अगली सुनवाई शुक्रवार, 3 मई को होगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)