बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) द्वारा मुंबई क्रूज ड्रग पार्टी मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को मिली जमानत का पूरा ऑर्डर (Bail Order) 20 नवंबर को रिलीज कर दिया गया है. 28 अक्टूबर को दिए इस जमानत के आदेश में बॉम्बे हाई कोर्ट ने माना है कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के बीच ड्रग्स से संबंधित अपराध करने की साजिश का कोई सबूत नहीं है.
14 पेज के ऑर्डर में कोर्ट ने कहा है कि साजिश के मुद्दे पर प्रतिवादी द्वारा रिकॉर्ड में लाई गई सामग्री के संबंध में, इस कोर्ट ने प्रथम दृष्टया उस मुद्दे पर आवेदकों के खिलाफ कोई सकारात्मक सबूत नहीं देखा है.
कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि आरोपी क्रूज पर मौजूद थे, आरोपी के खिलाफ धारा 29 के अपराध को लागू करने का आधार नहीं हो सकता.
"इस कोर्ट को इस तथ्य के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है कि सबूत के रूप में बुनियादी सामग्री की उपस्थिति होनी चाहिए ताकि आवेदकों के खिलाफ साजिश के मामले को साबित किया जा सके."
गौरतलब है कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को 28 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी. उस समय हाई कोर्ट ने एक छोटा आर्डर सुनाया था, जबकि कारणों को बताते हुए स्पीकिंग आर्डर आज जारी किया गया है.
व्हाट्सप्प चैट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट की वेबसाइट पर आज पब्लिश किए गए आदेश में कोर्ट ने कहा कि आर्यन खान के पास से कोई ड्रग्स नहीं मिला जबकि मर्चेंट और धमेचा से बरामद की गई ड्रग्स की मात्रा NDPS एक्ट के तहत अपराध मानने के लिए 'छोटी' मात्रा थी.
कोर्ट ने यह भी पाया कि आर्यन खान के व्हाट्सएप चैट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था, जिससे पता चलता है कि NDPS एक्ट के तहत अपराध करने की उसकी ओर से साजिश थी.
कोर्ट ने अपने ऑर्डर में यह भी दोहराया है कि आर्यन खान द्वारा एनसीबी को दिए गए इकबालिया बयान का कोई मूल्य नहीं होगा, जैसा कि टोफन सिंह बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है.
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