केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे आजकल आयुष मंत्रालय में दवाइयां बनाने के लिए गोमूत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में उनके अलग-अलग बयान भी सामने आ रहे हैं. अब अश्विनी चौबे ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई अपने इलाज के लिए गो मूत्र का इस्तेमाल करते थे. इसके साथ ही अश्विनी ने गोमूत्र के औषधीय गुणों पर रिसर्च करने की बात पर भी जोर दिया.
अश्विनी चौबे ने कहा, ‘‘हमने कई बार देखा है कि लोग इलाज के लिए गोमूत्र पीते हैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई खुद गो मूत्र पीते थे. अब जरूरत है कि गोमूत्र पर रिसर्च किया जाए.’’
रिसर्च पर मंत्रालय में हो रही है चर्चा
चौबे ने बताया कि मंत्रालय में गोमूत्र के औषधीय गुणों का पता लगाने के लिए चर्चाएं चल रही हैं और काम भी जारी है.
‘‘गोमूत्र अपने आप में बहुत ताकतवर है. ये अपने आप में अनूठा है और इसमें कई बीमारियों को ठीक करने के गुण हैं. आयुष मंत्रालय गोमूत्र से दवाइयां बनाने और कैंसर के इलाज पर काम कर रहा हैं. गोमूत्र से कैंसर की दवाई कैसे बनाई जाएगी इसपर चर्चाएं और काम जारी है.’’अश्विनी चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री
इससे पहले अश्विनी चौबे ने कहा था कि सरकार इस क्षेत्र में गंभीर होकर काम कर रही है.
‘‘देशी गायों के मूत्र को कई प्रकार की दवाइयों के बनने में इस्तेमाल किया जाता है. सरकार गायों को बचाने और उनके संवर्धन के लिए काम कर रही है. आयुष मंत्रालय इस क्षेत्र में गंभीर हो कर काम कर रहा है. डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों को हम जड़ से खत्म करने की बात नहीं कर रहे हैं लेकिन इनकी रोकथाम की जा सकती है. भारत सरकार ने 2030 तक इसकी डेडलाइन रखी है.’’अश्विनी चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री
चौबे के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत एक प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है.आयुष मंत्रालय दवाइय़ां बनाने के लिए अध्ययन और रिसर्च करता रहता है.
बीएसपी ने की बयान की आलोचना
बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने अश्विनी चौबे के बयान की आलोचना करते हुए कहा, ''एक तरफ जहां देश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है वहीं चौबे का ऐसा बयान आना काफी दुखद है. बिना किसी वैज्ञानिक प्रयोग और ज्ञान के ऐसा बयान आना विवादास्पद है.''
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