19वें एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में तीसरे दिन हांगझोउ में सेलिंग में नेहा ठाकुर ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. गर्ल्स डिंगी ILCA4 स्पर्धा में नेहा ठाकुर ने अपनी 11 रेसों में 27 नेट अंकों के साथ रजत पदक जीता है. नेहा के इस शानदार प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई लोगों ने बधाई दी. वहीं, नेहा के बेटी के सिल्वर मेडल जीतने पर कहा कि बेटी को कुएं और डैम में कराया प्रैक्टिस कराया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नेहा को बधाई दी. उन्होंने लिखा" समर्पण और दृढ़ता का एक ज्वलंत उदाहरण! नेहा ठाकुर ने गर्ल्स डिंगी-आईएलसीए4 इवेंट में रजत पदक हासिल किया है. उनका असाधारण प्रदर्शन उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत का प्रमाण है. उन्हें बधाई और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.
वहीं, अमित शाह ने बधाई देते हुए लिखा "यह हमारे देश के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि नेहा ठाकुर ने लड़कियों की डिंगी - ILCA 4 श्रेणी में #AsianGames में नौकायन में रजत पदक जीता. उन्हें बहुत-बहुत बधाई और वह अपनी जीत का सिलसिला ऐसे ही जारी रखें.'
नेहा ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाकर पूरे देश का मान बढ़ाया है. एक किसान की बेटी की अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा. पिता ने बताया कि उन्होंने छोटे डैम और कुएं में नेहा को तैराकी का अभ्यास करवाया था.
नेहा ठाकुर मध्य प्रदेश के देवास जिले के अमलाताज की रहने वाली हैं. हालांकि, वे भोपाल में रहकर बीकॉम की पढ़ाई करने के साथ एशियन गेम्स की तैयारी के लिए भोपाल के ही वाटर स्पोर्टस एकेडमी में तैयारी कर रही थीं.
पिता किसान, परिवार में कौन-कौन हैं?
नेहा के परिवार में उसके माता-पिता के साथ उसके दो छोटे भाई हैं. पिता खेती किसानी करते हैं और मां गृहणी है. वहीं, नेहा के दो छोटे भाई पढ़ाई कर रहे हैं. साधारण परिवार से आनेवाली नेहा की सफलता पर घर और गांव के लोग फूले नहीं समा रहे हैं.
बचपन में ही जगी खेल में रुचि
नेहा ने 8वीं तक की पढ़ाई अपने मामा के यहां इंदौर में की है. उसके बाद उनके पिता उन्हें हाटपीपल्या अपने गांव लेकर आ गए थे. फिर नेहा ने एक साल यहीं सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई की. यहीं से उनकी खेल में रुचि जगी.
नेहा के पिता मुकेश ठाकुर को तैराकी का अनुभव था. उन्होंने अपनी बेटी को ट्रायल के दौरान हाटपीपल्या क्षेत्र में बने छोटे डैम और कुएं में तैराकी की ट्रेनिंग दी. पिता मुकेश ठाकुर बताते हैं...
"नेहा को सेलिंग में जाने के लिए उसके अंकल के बेटे विशाल सिंह ने प्रेरित किया. विशाल फिलहाल नेवी में पोस्टेड है. पहले वो वाटर सेलिंग में था."
नेहा के पिता आगे बताते हैं "उसकी प्रेरेणा के बाद ही मैंने नेहा की तैयारी करवाई. साल 2017 में वाटर स्पोर्टस एकेडमी में ट्रायल के दौरान नेहा का वाटर स्पोर्टस एकेडमी में सिलेक्शन हुआ था."
नेहा के परिवार के अनुसार, नेहा ने एशियन गेम्स के पहले कई नेशनल गेम्स में भाग लिया और कई गोल्ड और सिल्वर मेडल झटके. 2022 में एशियन चैम्पियनशीप में उसने कांस्य पदक जीता और यूरोप चैम्पियनशीप में भी उन्होंने पदक जीता. उसके बाद दो वल्र्ड चैम्पियनशीप में भी भाग लिया लेकिन मेडल नहीं जीत पाई लेकिन खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
नेहा के पिता मुकेश ठाकुर कहते हैं कि गर्व की बात है कि उसने गांव, प्रदेश और राज्य का नाम रौशन किया है. उसको पीएम, गृहमंत्री और यशोधरा राजे सिंधिया ने बधाई दी है.
मां कहती हैं कि बचपन से ही वो मामा के घर ज्यादा रही है. इसबार घर आएगी तो उसका अच्छा से स्वागत करेंगे. वो आगे बताती हैं कि नेहा को खाने में दाल-बाटी पसंद है.
एमपी सरकार ने नेहा की कराई विदेश में ट्रेनिंग
खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने एशियन गेम्स के पहले तीन महीने नेहा की विदेश में ट्रेनिंग करवाई थी. नेहा के सिल्वर मेडल जीतने पर उन्होंने उसके पिता को बधाई दी. वहीं, नेहा का खर्च मप्र खेल शासन ने उठाया. उनके साथ ही नेहा के कोच जेएल यादव ,नरेन्द्र सिंह राजपुत और अनिलशर्मा का विशेष सहयोग रहा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)