भारतीय जनता पार्टी ने असम में लगातार दूसरी बार जीत तो दर्ज कर ली, लेकिन अभी असम में बीजेपी का मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर पेंच फंसा हुआ है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और असम में सबसे प्रभावी मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को 8 मई को दिल्ली तलब किया है. दिल्ली में दोनों के साथ बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तय करेंगे कि असम की कमान किसे दी जाए.
2 मई को आए नतीजों ने बीजेपी ने असम में बड़ी जीत दर्ज की थी. लेकिन चुनाव नतीजों के बाद बंगाल में हुई हिंसा की वजह से बीजेपी आलाकमान बंगाल की गतिविधियों में व्यस्त रहा और इस वजह से असम के फैसले में देरी हुई. सोनोवाल और सरमा दोनों को 8 मई सुबह 10 बजे तक दिल्ली पहुंचने के लिए कहा गया है.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी मुख्यमंत्री के मुद्दे पर फैसला लेने से पहले दोनों नेताओं से बैठकर आमने-सामने बात करना चाहती है. पार्टी ये इसलिए कर रही है ताकि पार्टी में गुट ना पनपें और असम बीजेपी में दरार ना पड़े.
बीजेपी के लिए असम मुख्यमंत्री पद का चुनाव मुश्किल भरा है. एक तरफ सर्बानंद सोनोवाल की असम की जनता में अच्छी छवि है और दूसरी तरफ हिमंता बिस्वा सरमा पार्टी के लिए बड़े संकट मोचक बनकर उभरे हैं.
दोनों की दावेदारी मजबूत
सोनोवाल असम की स्थानीय सोनोवाल कछारी आदिवासी समुदाय से आते हैं, तो वहीं सरमा नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक रहे हैं. अब दोनों की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ बात होना है.
पार्लियामेंट बोर्ड की बैठक बाकी
बीजेपी की अभी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक होना भी बाकी है. जिसमें आमतौर पर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला किया जाता है.
CM उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया था
असम में चुनाव में जाने से पहले बीजेपी ने राज्य के लिए मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए ऐलान नहीं किया था. वहीं 2016 में बीजेपी ने सोनोवाल को बतौर मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रोजेक्ट किया था. इसी के बाद पूर्वोत्तर में बीजेपी की पहली सरकार बनी थी.
राज्य की 126 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने इस बार 60 सीटों जीती हैं और गंठबंधन के सहयोगियों ने 15 सीटों जीती हैं.
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