असम (Assam Flood) में बाढ़ से गंभीर स्थिति बनी हुई है. राज्य के कई हिस्सों में आई बाढ़ के कारण रविवार (2 जून) को तीन लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 14 पहुंच गई है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या में कमी आई है. हालांकि, नदियां अभी भी उफान पर हैं और प्रभावित लोगों ने विभिन्न इलाकों में राहत शिविरों में शरण ले ली है.
असम के 13 जिले बाढ़ से प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, 13 जिलों में 535,246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. शनिवार को 10 जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या 6,01,642 थी. दुखद बात यह है कि 28 मई के बाद से बाढ़ और तूफान से संबंधित मौतों की संख्या अब 18 तक पहुंच गई है, जिसमें कछार में दो और नगांव में एक की मौत हुई है
एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया, "तीन प्रमुख नदियां - कोपिली, बराक और कुशियारा - खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं.
नागांव सबसे अधिक प्रभावित जिले के रूप में उभरा, जहां 303,567 लोग अभी भी प्रभावित हैं, इसके बाद कछार में 109,798 और होजई में 86,382 लोग प्रभावित हैं. जिले में 193 राहत शिविर लगाए गए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां बचाव और राहत कार्यीं में लगी हुई हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई हैं.
इसके अलावा कई जिलों में इसके अलावा कई जिलों में सड़कों और पुलों अन्य संपत्ति सहित बुनियादी ढांचे के नुकसान की रिपोर्टें सामने आई हैं, जो स्थिति की गंभीरता को और अधिक उजागर करती हैं.
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में चक्रवात रेमल के बाद हुई प्राकृतिक आपदाओं के कारण मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि चक्रवात रेमल के बाद घायल हुए प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपए दिए जाएंगे.
वहीं, आईएमडी के अनुमान के मुताबिक, आज बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश भी हो सकती है. अधिकतम तापमान 33 डिग्री रहेगा.
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