ADVERTISEMENTREMOVE AD

असम-मिजोरम सीमा विवाद: खूनी झड़प में बदला सालों से चला आ रहा संघर्ष- पूरा ब्योरा

Assam-Mizoram Border Dispute:असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वो असम की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देंगे.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दो पड़ोसी देशों की सीमा विवाद के चलते बॉर्डर पर कई जवानों के शहीद होने की खबरें देखी हैं, लेकिन भारत में दो राज्यों की लड़ाई में 6 पुलिस जवानों को शहीद होना पड़ा है. असम और मिजोरम (Assam-Mizoram Border Dispute) में सदियों से चले आ रहे सीमा विवाद में 26 जुलाई को पांच जवान शहीद हो गए. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच भी जुबानी जंग तेज हो गई है और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग बढ़ गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जमीन को लेकर अड़े मुख्यमंत्री 

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि वो असम की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देंगे. सरमा ने कहा, "ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. ये दो राज्यों के बीच सीमा विवाद है. ये लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद है. उस समय भी विवाद हुआ था जब दोनों तरफ कांग्रेस की सरकार थी. यह दो राज्यों के बीच का विवाद है, दो राजनीतिक दलों के बीच नहीं."

"जब गोलीबारी हो रही थी (कल असम-मिजोरम सीमा पर) मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को छह बार फोन किया. उन्होंने 'सॉरी' कहा और मुझे आइजोल में बातचीत के लिए आमंत्रित किया. हमारी जमीन का एक इंच भी कोई नहीं ले सकता. हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सीमा पर पुलिस तैनात है."
हिमंता बिस्वा सरमा, असम के मुख्यमंत्री
असम के अधिकारियों ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में लोगों ने उन पर राज्य के छह किलोमीटर अंदर आकर हमला किया, जिससे 16 लोग घायल हो गए. वहीं मिजोरम के अधिकारियों ने दावा किया कि असम के लोगों ने एक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें एक मिजो दंपति राज्य की यात्रा कर रहा था.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

दोनों राज्यों की पुलिस में भी झड़प 

मिजोरम के गृहमंत्री लालचमलियाना ने असम पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि असम पुलिस ने वैरेंगटे ऑटो-रिक्शा स्टैंड पर CRPF कर्मियों के ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार किया और मिजोरम पुलिस के एक ड्यूटी पोस्ट को पलट दिया. उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने मिजोरम पुलिस पर आंसू गैस के गोले दागे, और मिजोरम पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की.

इससे पहले, जोरमथांगा ने ट्विटर पर लिखा था कि असम पुलिस ने मिजोरम में नागरिकों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. दोनों मुख्यमंत्रियों ने बातचीत के जरिये इसका हल निकालने को कहा था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर विवाद का हल निकालने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

लेकिन असम और मिजोरम विवाद इतना आसान नहीं हैं. सालों से चले आ रहे इस सीमा विवाद में इससे पहले भी झड़पें हो चुकी हैं.

दोनों राज्यों के बीच क्यों है सीमा विवाद?

असम और मिजोरम के बीच 165 किलोमीटर की सीमा है. एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये विवाद सदियों पुराना है जब मिजोरम को असम के एक जिले लुशाई हिल्स के रूप में जाना जाता था.

असम में तीन जिले - कछार, हैलाकांडी और करीमगंज - मिजोरम के तीन जिलों के साथ 164 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं. दोनों राज्य एक-दूसरे की जमीन पर घुसपैठ के आरोप लगाते रहते हैं.

विवाद 1875 की एक अधिसूचना से उपजा है, जो लुशाई पहाड़ियों को कछार के मैदानी इलाकों से अलग करता है, और दूसरा 1933 में, जो लुशाई पहाड़ियों और मणिपुर के बीच की सीमा का सीमांकन करता है.

मिजोरम के एक मंत्री ने पिछले साल द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि मिजोरम का मानना है कि सीमा का सीमांकन 1875 की अधिसूचना के आधार पर किया जाना चाहिए, जो बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) एक्ट, 1873 से लिया गया है.

मिजो नेताओं ने इससे पहले, 1933 अधिसूचना के तहत सीमांकन के खिलाफ तर्क दिया है, क्योंकि इसमें मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, असम सरकार 1933 के सीमांकन का पालन करती है, और यही संघर्ष का मुद्दा था.

मिजोरम के मंत्री ललथंगलियाना ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते के तहत सीमावर्ती इलाके में नो मैन्स लैंड पर यथास्थिति बनाए रखनी होगी.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कब-कब हुआ दोनों राज्यों में झगड़ा?

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में, असम के करीमगंज और मिजोरम के ममित जिलों में विवाद के बाद हिंसा हुई थी. 9 अक्टूबर को मिजोरम के दो निवासियों की एक झोपड़ी और एक सुपारी के बागान में आग लगा दी गई थी.

कछार में दूसरी घटना में, लैलापुर के कुछ लोगों ने मिजोरम पुलिस कर्मियों और मिजोरम निवासियों पर पथराव किया था. कोलासिब के उपायुक्त एच लालथंगलियाना ने कहा, "बदले में, मिजोरम के निवासी इकट्ठा हो गए और उनके पीछे चले गए." रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक हफ्ते में दो बार हिंसा हुई थी और इसमें 8 लोग घायल हो गए थे.

इससे पहले, फरवरी 2018 में भी दोनों प्रदेशों के लोगों के बीच विवाद हो चुका है. यानी कई सालों से चले आ रहे इस विवाद को एक बार फिर हवा दी गई है और इसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी अहम भूमिका निभाते दिख रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×