गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा है कि कोई भी विदेशी पत्रकार, जो पहले से भारत में मौजूद हो या ना हो, विदेश मंत्रालय की अनुमति से असम जा सकता है. MHA ने बताया, ऐसी अनुमति देने से पहले विदेश मंत्रालय आंतरिक तौर पर MHA की सलाह लेता है.
मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण उन खबरों के बाद दिया है, जिनमें कहा गया था कि NRC की आखिरी लिस्ट जारी होने के बाद असम में काम कर रहे विदेशी पत्रकारों को वहां से जाने के लिए कहा गया है.
बता दें कि 31 अगस्त को पब्लिश हुई असम NRC की आखिरी लिस्ट में 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नहीं हैं.
- NRC की फाइनल लिस्ट में शामिल करने के लिए 3,11,21,004 लोगों को एलिजिबल पाया गया
- 19,06,657 लोगों के नाम NRC की आखिरी लिस्ट में नहीं हुए शामिल
- जो लोग NRC की फाइनल लिस्ट से सहमत नहीं हैं, वे फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में कर सकते हैं अपील
- फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दी जा सकेगी चुनौती
विदेश मंत्रालय की अनुमति से असम जा सकते हैं विदेशी पत्रकार: MHA
गृह मंत्रालय ने कहा है- ''यह सूचना कि असम में काम कर रहे सभी विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया है, भ्रामक है. ना तो गृह मंत्रालय ने और ना ही विदेश मंत्रालय ने ऐसी कोई सूचना दी है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा है- ''कोई भी विदेशी पत्रकार, जो पहले से भारत में मौजूद हो या ना हो, विदेश मंत्रालय की अनुमति से असम जा सकता है. ऐसी अनुमति देने से पहले विदेश मंत्रालय आंतरिक तौर पर गृह मंत्रालय की सलाह लेता है.''
NRC: ज्योतिरादित्य ने कमियों का जिक्र कर सरकार से की ये अपील
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिंया ने NRC की आखिरी लिस्ट में कमियां बताते हुए कहा, ''माता-पिता को शामिल किया गया है, बेटियों को नहीं. बहनों को शामिल किया गया है, भाइयों को नहीं. (कई) पूर्व सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को भी शामिल नहीं किया गया है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं सरकार से अपील करता हूं कि देश का कोई भी वास्तविक नागरिक नागरिकता से वंचित ना हो.''
NRC से छूट गए लोग ‘राष्ट्र विहीन’ नहीं हैं: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि NRC से बाहर रहे लोग ‘‘राष्ट्र विहीन’’ नहीं हैं और वे कानून के तहत मौजूद सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक अपने अधिकारों का पहले की तरह ही उपयोग करते रहेंगे.
NRC का उद्देश्य 1985 असम समझौते को प्रभावी करना है: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, एनआरसी का उद्देश्य भारत सरकार, असम राज्य सरकार, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और ऑल असम गण संग्राम परिषद (AAGSP) के बीच हुए 1985 असम समझौते को प्रभावी करना है.