असम (Assam) के दरांग जिले का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें अतिक्रमण हटाने गई पुलिस ग्रामीणों पर गोलियां चला रही है. वीडियो में पुलिस के साथ एक फोटोग्राफर भी दिख रहा है जो गोली लगे शख्स को पीट रहा है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद असम पुलिस ने फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया है. फोटोग्राफर की पहचान विजय शंकर बनिया के रूप में हुई है. साथ ही राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. असम सरकार के मुताबिक गुवाहाटी हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में जांच कराई जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई घायल हैं. वहीं पुलिस के मुताबिक अतिक्रमण हटाने गए पुलिसकर्मियों में से 9 घायल हुए हैं.
राजनीतिक दल से लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी
पुलिस की बर्बरता का वीडियो सामने आने के बाद लोगों में नाराजगी है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा,
‘‘असम में सरकार प्रायोजित आग लगी हुई है. मैं राज्य के अपने भाइयों एवं बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत का कोई बच्चा इसका हकदार नहीं है.’’
इस घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट में बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जी की प्रेरणा से चलने वाले देश को बीजेपी हिंसा और नफरत की आग में झोंक देना चाहती है. हिंसा और नफरत ही उसकी कथनी और करनी है. असम की इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम है.’’
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, "अभी असम का सबसे भयानक और निराशाजनक वीडियो देखा. हम एक खून के प्यासे समाज बनते जा रहे हैं."
'जिस जिले में हुई हिंसा वहां के SP सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के भाई हैं'
असम से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और उनके भाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा,
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के अपने भाई दरांग जिले के अधीक्षक पुलिस (SP) हैं जहां बर्बर हिंसा हुई थी. यह स्पष्ट है कि यह सीएम-एसपी की जोड़ी बेदखली अभियान का शांतिपूर्ण समाधान नहीं चाहती थी. असम को शर्मसार करते सीएम.
वीडियो में दिखा पुलिस का डरावना चेहरा
बता दें कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया था. सरकार का कहना था कि इस जमीन का इस्तेमाल कृषि परियोजना के लिए किया जाएगा. हालांकि ग्रामीणों इस जमीन को मंदिर बनाने की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं.
जमीन को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पुलिस ने अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने के लिए अभियान चलाया था.
असम के सीएम ने खुद इस जमीन खाली कराने की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा था,
"अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखते हुए, मुझे खुशी है और दरांग के जिला प्रशासन और असम पुलिस ने लगभग 4500 बीघा को खाली कर, 800 घरों को बेदखल करके, 4 अवैध धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया."
गुरुवार को प्रशासन ने एक बार फिर से करीब 200 परिवार के खिलाफ इस अभियान को शुरू किया था. अतिक्रमणकारियों ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया, विरोध के लिए गांव के लोग जमा हुए थे. लेकिन इसी दौरान हिंसा भड़क उठी.
खौफनाक वीडियो
घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक ग्रामीण पुलिस की ओर लाठी लेकर दौड़ता हुआ आ रहा है, जिसके बाद उसे गोली मार दी जाती है.
गोली लगते ही वो जमीन पर गिर जाता है, फिर पुलिसकर्मी उसपर डंडे से टूट पड़ते हैं. पुलिस के साथ मौजूद एक फोटोग्राफर भी ग्रामीण पर हमला बोलता है. कभी घुटने के बल तो कभी कूदकर-कूदकर दोनों पैरों से शव की छाती और चेहरे पर हमला करता है. बीच-बीच में पुलिस वाले जमीन पर गिरे उस शख्स को डंडे से पीटते हैं. फिर फोटोग्राफर उस शख्स पर कूदता है, उसके सीने में लात-घूंसे मारता है. वीडियो के आखिर में दिख रहा है कि एक पुलिस वाला उस फोटोग्राफर को गले लगा रहा है.
अब भले ही सीआईटी जांच की बात हो रही हो और फोटोग्राफर गिरफ्तार कर लिया गया हो लेकिन प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले पुलिस पर किसी तरह की कार्रवाई की बात अबतक सामने नहीं आई है.
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