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अतीक की हत्या पर द क्विंट से बोले जयंत सिंह, "सरकार का कोई तो जरूर इसमें शामिल"

Atiq Ahmed Murder: पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

Published
भारत
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राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने शनिवार, 15 अप्रैल को गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या (Atiq Ahmed Murder) के कुछ घंटे बाद क्विंट हिंदी से कहा, "सरकार में पार्टी की मिलीभगत के बिना इस प्लान को लागू करना संभव नहीं था."

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प्रयागराज में शनिवार को पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पत्रकारों से बात करते समय दोनों को गोली मारने का वीडियो वायरल हो गया है.

पुलिस की कस्टडी में हत्या के इस घटना पर टिप्पणी करते हुए जयंत चौधरी ने कहा:

"मुझे यूपी पुलिस पर भरोसा है, जो कुछ भी हुआ है उसके लिए मैं उन्हें दोष नहीं देता. अगर आप वीडियो देखें, तो ऐसा नहीं है कि वहां मौजूद पुलिस उसे मारने की कोशिश कर रही है, उन्हें बस इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या हो रहा है. सवाल यह है कि उसकी (अहमद की) मूवमेंट के बारे में खुफिया जानकारी कैसे बाहर आ गयी"

जयंत चौधरी ने कहा, "सरकार या प्रशासन में से कोई तो जरूर इसमें शामिल होगा, अन्यथा यह हत्या संभव नहीं होती."

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि पुलिस हत्या की तह तक जा सकती है और जो कुछ भी हुआ उसकी सच्चाई सामने ला सकती है, चौधरी ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान सभा में अपने भाषण और चुनावी कैंपेन के माध्यम से "एनकाउंटर को प्रोत्साहित कर रहे हैं".

जयंत चौधरी के अनुसार, इस घटना की एक बड़ी जांच की जरूरत है और यह भी कि " राज्यपाल को कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रपति शासन के लिए पर्याप्त आधार है."

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'अतीक गांधी नहीं था, लेकिन वो भी न्याय का हकदार था'

हालांकि, RLD प्रमुख ने इसे स्पष्ट करना उचित समझा कि “अपराध में अपने लंबे करियर को देखते हुए, अतीक अहमद के साथ हम खड़े नहीं है. वह गांधी नहीं था"

लेकिन, जयंत चौधरी ने कहा कि अतीक अहमद भी न्याय के हकदार था.

यूपी में बड़े विपक्षी गठबंधन के हिस्से के रूप में जयंत चौधरी की पार्टी के लिए अगला कदम क्या होगा? इसपर जयंत यादव ने कहा कि

"हमें कुछ समय दीजिए. समस्या यह है कि अतीक अकेला मामला नहीं है. कई मामले हैं. इस मामले की अनोखी बात यह है कि एक वीडियो था. सौभाग्य से, वहां मीडियाकर्मी थे जो सब कुछ कैप्चर कर रहे थे."

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने यूपी के झांसी में हुई मुठभेड़ में अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके सहयोगी गुलाम को मार गिराया था.

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