माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस की कस्टडी में हत्या (Atiq Ahmed Murder) के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गयी है. यानी धारा 144 लागू होने के बाद पूरे प्रदेश में चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इसकी जानकारी अधिकारियों ने दी है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री ने तुरंत उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (न्यायिक जांच आयोग) के गठन के भी निर्देश दिए हैं.
क्या होती है सीआरपीसी की धारा 144?
सीआरपीसी की धारा 144 शांति कायम करने के लिए उस स्थिति में लगाई जाती है, जब किसी तरह के दंगें की आंशका होती है. धारा-144 लगने के बाद, उस इलाके में चार या उससे ज्यादा व्यक्ति एक साथ खड़े नहीं हो सकते हैं. धारा 144 को लागू करने के लिए इलाके के जिलाधिकारी की ओर से आधिकारिक सूचना जारी दी जाती है.
धारा 144 लगने के बाद क्या होता है?
धारा 144 लागू होने के बाद उस इलाके में हथियारों को ले जाने में भी पांबदी होती है. आपको बता दें कि धारा 144 लागू होने के बाद इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है.
कितने समय के लग सकती है धारा 144
धारा 144 को 2 महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि अगर राज्य सरकार को लगता है कि खतरा टालने या फिर से दंगे टालने के लिए इसकी जरूरत है तो इसके समय को बढ़ाया जा सकता है. इस स्थिति में भी धारा 144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता है.
कितनी सजा?
धारा 144 लगे इलाके में गैर कानूनी तरीके से जमा होने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंगें में शामिल होने के लिए केस दर्ज किया जा सकता है. इसमें अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है.
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