उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में पुलिस और मीडिया के सामने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या (Atiq Ahmed-Ashraf Murder) के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया था. अतीक और अशरफ की हत्या के बाद वायरल वीडियो में अरुण नाम के लड़के द्वारा लगातार "जय श्री राम" के नारे लगाए जा रहे थे. यूपी पुलिस के मुताबिक लवलेश बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण मोर्या कासगंज का रहने वाला है.
पुलिस के मुताबिक अरुण मौर्या जनपद कासगंज के थाना सोरों के ग्राम कादरवाडी का रहने वाला है. हालांकि अरुण के पिता दीपक कुमार, मां केला देवी, छोटी बहन सपना और भाई अनिकेत कासगंज के गांव कादरवाडी में अपने पैतृक मकान में ही रहते हैं. अरुण के पिता दीपक कुमार मौजूदा वक्त में गांव में ही गोलगप्पे टिक्की (चाट) बेच कर परिवार चलाते हैं.
अरुण मौर्य के चाचा सुनील ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ पानीपत (हरियाणा) के विकास नगर में रहता है. उसका जन्म पानीपत के एनएनएफएल के पास वार्ड नंबर 16 विकास नगर में ही हुआ था. बचपन से वो यही यहां रहता है और बीच-बीच मे गांव में भी जाता रहता था. उसने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और पानीपत की ही निजी कंपनी में काम करता था. इस वक्त उसकी उम्र साढ़े सत्रह साल है और उसके माता-पिता, भाई-बहन सभी कासगंज में ही रहते है.
"शादी में दिल्ली गया था"
अरुण के चाचा सुनील ने बताया कि पिछले सप्ताह वो अपने गांव में गए हुए थे. पीछे से अरुण मौर्या परिवार के सदस्यों को बिना बताए कहीं चला गया और उसके बाद उनका उससे कोई संपर्क नही हुआ. फिर उन्हें पता चला कि वह दिल्ली में किसी दोस्त की शादी में गया हुआ है. इसके बाद उन्होंने अरुण से संपर्क करना चाहा तो उसका फोन बंद आ रहा था. तब से परिवार के किसी सदस्य से उसका संपर्क नहीं हुआ.
अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद पानीपत पुलिस भी पूछताछ करने के लिए उसके घर आई थी. परिवार को भी मीडिया के जरिए ही पूरे मामले की जानकारी मिली है.
यूपी पुलिस के मुताबिक अरुण की उम्र 18 वर्ष और हरियाणा पुलिस के मुताबिक 31 वर्ष है. इसके अलावा गांव में बने राशन कार्ड में उसकी उम्र 17 साल दर्ज है.
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक अरुण मोर्या उर्फ कालिया की उम्र महज अभी 18 साल है. जबकि हरियाणा पुलिस के पानीपत की सेक्टर 29 की पुलिस ने सेक्टर 25 के ठेका के पास से अरुण को अवैध असलाह के साथ गिरफ्तार किया था. ये तमंचा देसी था, जिसको अरुण ने कासगंज के कादरवाडी गांव के रहने वाले अपने ताऊ के लड़के अतुल से तीन हजार रुपए में खरीदा था. अरुण की निशानदेही पर पानीपत की पुलिस ने कासगंज से अतुल को गिरफ्तार भी कर लिया था. इस पूरे मामले में दर्ज FIR में सेक्टर 29 की थाना पुलिस ने अरुण मौर्य की जन्मतिथि 1992 की बताई है.
अगर यूपी पुलिस के द्वारा बताई गई उम्र को सही माना जाए तो फरवरी 2022 में अरुण की उम्र करीब 17 वर्ष रही होगी. अगर 17 वर्ष की उम्र में हरियाणा पुलिस ने अरुण को जेल भेजा था तो वह भी कानून के मुताबिक गलत ही नजर आता है.
हालांकि कासगंज के गांव कादरबाड़ी में उसकी मां केला देवी के नाम से राशन कार्ड बना हुआ है, जिसमें अरुण की जन्म तिथि को 1 जनवरी 2006 बताया गया है. ये जन्मतिथि राशनकार्ड पर आधार के अनुसार ही दर्ज होती है. ऐसे में अरुण नाबालिक निकलता है तो उसको जेल में नहीं रखा जा सकता है. प्रशासन को उसे अब किशोर सुधार गृह में रखना चाहिए.
"15 अप्रैल लगी थी तारीख"
नाम न छपने की शर्त पर अरुण के आर्म्स एक्ट की पैरवी कर रहे एडवोकेट ने बताया कि इस मामले की तारीख 15 अप्रैल 2023 को लगी हुई थी, जिसमें अरुण और अतुल को पेश होना था लेकिन अरुण नहीं आया. जब मैंने अरुण के बारे में अतुल से पूछा तब उसने बताया अरुण को यूपी पुलिस ने अतीक और अशरफ के हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है.
1988 में पानीपत पहुंचा था परिवार
अरुण के दादा मथुरा प्रसाद जिनकी उम्र इस वक्त करीब 65 वर्ष है. अरुण अपने दादा के साथ पानीपत ही रहता था. उसके दादा पानीपत में लगभग 1988 रहते हैं और 1995 में उन्होंने अपना मकान बनाया था. कुछ साल पहले ही उसके पिता कासगंज के पैतृक गांव में रहने लगे है.
"हत्या के केस के दो गवाहों से मारपीट का आरोप"
अरुण मौर्य पर पिछले साल हरियाणा के पानीपत में अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज किया गया था. अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. उस पर फरवरी 2022 में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था और उसी साल मई में एक अन्य मामले में उसे जेल हुई थी.
पानीपत पुलिस में अरुण के खिलाफ 2022 में दो मामले दर्ज हुए थे. पानीपत एसपी ने कहा कि 4 फरवरी 2022 को सीआईए 2 की थाना पुलिस ने अरुण को जेल भेजा था. इस वक्त अरुण 20 दिनों तक जेल में था, जबकि दूसरा मामला 29 मई 2022 में हुई एक हत्या के मामले में गवाह रघवीर और उसकी पत्नी कृष्णा को घायल कर दिया था.
हालांकि पानीपत के थाना सदर में दर्ज हुई FIR में अरुण का नाम नहीं था. विवेचना की कड़ी आगे बढ़ने पर पुलिस ने इस मारपीट के मामले को लेकर दर्ज किया गया था, जिसके बाद वह करीब 15 दिनों तक जेल में था.
पानीपत के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत के मुताबिक अरुण 2022 में दो बार जेल जा चुका है. इस दौरान वो जेल में करीब 30 दिन रहा था. हालांकि अरुण अभी जमानत पर बाहर था. यूपी पुलिस ने पानीपत पुलिस से संपर्क भी किया है और जानकारी भेजी जा रही है.
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