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भीमा कोरेगांव: SC की फटकार, लोकतंत्र में विरोध दबाना विस्फोटक होगा

मंगलवार को हुई थी पांच सोशल एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी

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भारत
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भीमा-कोरेगांव से जुड़ी पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को 6 सितंबर तक नजरबंद रखने को कहा है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को फिलहाल रिमांड पर नहीं लिया जाएगा. हालांकि, उन्हें छह सितंबर तक नजरबंद रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 6 सितंबर तय की है.

6:08 PM , 29 Aug

नक्सलियों से संबंध के सबूत पर हुई गिरफ्तारी: महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने कई राज्यों में की गई छापेमारी में पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का बचाव किया. यह कार्रवाई ‘नक्सली गतिविधियों से उनके संबंधों' के ‘सबूत' पर आधारित है. महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि कार्यकर्ताओं के खिलाफ छापेमारी से पहले सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया.

पुणे पुलिस ने कई राज्यों में कुछ जाने-माने वामपंथी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापा मारा और उनमें से पांच को गिरफ्तार किया. इनमें कवि वरवर राव को हैदराबाद से, कार्यकर्ता वेरनॉन गोंजाल्विस और अरूण फरेरा को मुंबई से, ट्रेड यूनियन से जुड़ीं और वकील सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.

ये छापेमारी पुणे में पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम की जांच के सिलसिले में की गई. इस कार्यक्रम के बाद कोरेगांव-भीमा गांव में दलितों और अगड़ी जाति के समूहों के बीच हिंसा हुई थी.

नक्सल आंदोलन से उनके संबंधों की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है. अगर कोई साक्ष्य नहीं होता तो हमने कार्रवाई नहीं की होती. हमने इन नक्सल कार्यकर्ताओं के खिलाफ छापेमारी से पहले प्रक्रियाओं का पालन किया है. कार्रवाई किसी को खुश करने के लिये नहीं की गई है. हमारे पास सबूत नहीं होते तो हमने छापेमारी नहीं की होती. नक्सली भारत के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं. वामपंथी होना गलत नहीं है. वामपंथी उग्रवादी होना गलत है.
दीपक केसरकर, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री 

केसरकर ने कहा कि प्रोफेसर साईबाबा (माओवादियों से कथित संबंध के लिये 2014 में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर) इस बात के क्लासिक उदाहरण हैं कि बुद्धिजीवी देश के खिलाफ अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रहे हैं. नक्सल आंदोलन देश में प्रतिबंधित है और किसी को भी इससे सहानुभूति नहीं रखनी चाहिये.

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5:52 PM , 29 Aug

विरोधी विचारधारा को खामोश करने की कोशिश, लोकतंत्र के लिए खतरनाकः जस्टिस चंद्रचूड़

सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसका सीधा-सीधा मतलब है कि आप विरोधी विचारधारा वाले लोगों को, जो लोग अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं, दूसरे लोगों के अधिकार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, उनको आप खामोश करना चाहते हैं. ये लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक चीज है.’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘असहमतियां, लोकतंत्र के सेफ्टी वाल्व की तरह होती हैं. लोकतंत्र में विरोध को दबाया तो विस्फोट हो सकता है.’

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4:55 PM , 29 Aug

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस साबित करे कि गिरफ्तारी सही

मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की ओर से दायर की गई अपील पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुणे पुलिस से गिरफ्तारी की वजह पूछी है. हाई कोर्ट ने कहा है कि पुलिस साबित करे कि नवलखा की गिरफ्तारी सही है.

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि वह महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई और ट्रांजिट रिमांड आदेश की वैधता की पड़ताल करेगा.

4:51 PM , 29 Aug

गिरफ्तारी को नवलखा ने बताया सरकार की ‘राजनीतिक चाल'

माओवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर गिरफ्तार किये गए गौतम नवलखा ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला विरोधियों को निशाना बनाने के लिये सरकार द्वारा चली गई ‘‘राजनीतिक चाल'' है. नवलखा को महाराष्ट्र पुलिस ने चार अन्य वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ कथित तौर पर गैरकानूनी गतिविधियों के लिये गिरफ्तार किया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि उन्हें उनके घर पर नजरबंद रखा जाए. नागरिक अधिकार समूह पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स द्वारा जारी बयान में नवलखा ने कहा, ‘‘यह पूरा मामला इस प्रतिशोधी और कायर सरकार द्वारा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ राजनीतिक चाल है जो भीमा कोरेगांव के असली दोषियों को बचाना चाहती है. इस तरह वह कश्मीर से लेकर केरल तक अपनी नाकामियों और घोटालों से ध्यान बंटाना चाहती है.''

नवलखा पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक राजनीतिक मामले को राजनीतिक रूप से लड़ा जाना चाहिए और मैं इस अवसर का स्वागत करता हूं. मुझे कुछ नहीं करना है. यह अपने राजनीतिक आकाओं के निर्देश पर काम कर रही महाराष्ट्र पुलिस पर है कि वह मुझ पर और मेरे साथियों के खिलाफ मामले को साबित करें, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है.''

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Published: 29 Aug 2018, 11:40 AM IST
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