राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के दस्तावेज चोरी होने की दलील पर जमकर हंगामा हो रहा है. चारों तरफ से मोदी सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश हो रही है. लेकिन अब अटॉर्नी जनरल ने इस मामले में सफाई दी है. उनका कहना है कि राफेल की फाइल चोरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि जो सुप्रीम कोर्ट में कहा उसका गलत मतलब निकाला गया है.
रक्षा मंत्रालय से चोरी नहीं हुए दस्तावेज
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि रक्षा मंत्रालय से राफेल के दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने असली दस्तावेजों की फोटोकॉपी का इस्तेमाल किया है. सुप्रीम कोर्ट में मैंने यही कहा था.'
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने इसके लिए याचिका दायर की थी. इस याचिका में जो तीन दस्तावेज इस्तेमाल किए गए थे वो असली दस्तावेजों की फोटोकॉपी थे.
राफेल की फाइल चोरी होने की बात पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो इस मामले में पीएम मोदी पर मुकदमा दर्ज करने की भी बात कही थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा था.
चोरी की बात और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट
सभी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में साफ तौर पर चोरी शब्द का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद ही मीडिया में राफेल की फाइल चोरी की खबरें आई थीं. इसके अलावा सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल पर रिपोर्ट छापने वाले द हिंदू अखबार का भी जिक्र किया था और इसे ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन बताया था.
उनके इस बयान को लेकर मीडिया में भी जमकर चर्चा हुई थी. अखबार पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन के आरोप को लेकर लोगों ने मीडिया की आजादी पर अंकुश लगाना बताया था.
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