अयोध्या केस में दाखिल सभी पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ये बड़ा फैसला सुनाया है. अब ऐसे में साफ हो गया है कि अयोध्या मामला दोबारा सुप्रीम कोर्ट में नहीं सुना जाएगा
बता दें कि अयोध्या केस पर निर्मोही अखाड़ा, जमीयत और AIMPLB समेत 10 से ज्यादा पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई थी.
पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद द क्विंट से बातचीत में AIMPLB के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी ने कहा,
सुप्रीम कोर्ट के फैेसले के बारे में हमने सुना है, इसपर अगला कदम उठाने को लेकर हम जल्द मीटिंग करेंगे. हम कानून के दायरे में रहकर और विकल्पों की भी तलाश करेंगे.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी ने कहा है कि याचिकाओं के खारिज होने का हमें दुख है. मदनी बोले, "कोर्ट ने माना था कि बाबरी मस्जिद गिराई गई थी और उसे गिराने वाले को दोषी भी माना था लेकिन उनके ही पक्ष में फैसला दे दिया था."
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला रामलला विराजमान के पक्ष में सुनाया था. वहीं निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था.
बहुत सारे मुस्लिम नेताओं का कहना है कि यह 5 एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए. मीटिंग में इस 5 एकड़ जमीन के लेने या न लेने पर भी विचार किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के लिए एक ट्रस्ट बनाने का निर्देश भी दिया है. इसमें निर्मोही अखाड़े को भी प्रतनिधित्व देने को कहा गया है.
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