उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 3 अगस्त से भूमि पूजन प्रक्रिया शुरू हो रही है. यह प्रक्रिया 3 दिनों तक चलेगी, जो बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के ज्योतिष विभाग के हेड प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के निर्देशन में होने जा रही है.
क्विंट के साथ बातचीत में पूजन प्रक्रिया को लेकर प्रोफेसर विनय ने बताया, ‘’यह 3 दिनों तक चलने वाला पूजन क्रम है. जो 3, 4 और 5 अगस्त को वैदिक विधियों से होगा. सबसे पहले गौरी-गणेश का पूजन होता है. उसके बाद फिर कलश की स्थापना होती है.’’
प्रोफेसर विनय ने कहा कि इस तरह की पूजन प्रक्रिया काफी लंबी होती है, हालांकि उन्होंने कुछ मुख्य पूजन का जिक्र करते हुए बताया,
- नांदी मुख पूजन होता है
- नवग्रह पूजन, रुद्र पूजन और वास्तु पूजन होता है
- मुख्य शिलाओं का पूजन होता है
- उपशिलाओं का पूजन होता है
- शिलाओं के अपने 5 कलश होते हैं, उन कलश पर देवताओं का पूजन होता है
- इसी क्रम में भूमि पूजन किया जाता है
- अलग-अलग देवताओं के अलग-अलग मंत्र हैं, उनके साथ पूजा की जाती है
प्रोफेसर विनय ने 2 अगस्त को बताया था कि इस पूजन के लिए काशी विद्वत परिषद से तीन लोग अयोध्या जा रहे हैं, जिनमें से एक खुद वह हैं. बाकी दो लोगों में से एक, बीएचयू में फैकल्टी ऑफ संस्कृत विद्या धर्म के डीन रह चुके रामचंद्र पांडेय, और दूसरे बीएचयू में व्याकरण के प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी हैं.
राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की जिम्मेदारी मिलने को लेकर प्रोफेसर विनय ने कहा, ''ये भगवान की बहुत बड़ी कृपा है, (वरना) दुनिया में विद्वानों की कमी नहीं है...लेकिन प्रभु श्रीराम की इच्छा थी, उनकी प्रेरणा है कि इस कार्य के लिए उन्होंने हमको चुना है, ये हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है.'' बताया जा रहा है कि अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इससे पहले 4 अगस्त को राम जन्मभूमि परिसर में रामचर्चा भी होगी.
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