उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 3 अगस्त से 3 दिवसीय भूमि पूजन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. यह पूजन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के ज्योतिष विभाग के हेड विनय कुमार पांडेय के निर्देशन में होगा. विनय कुमार पांडेय से क्विंट ने खास बातचीत की, जिसके अंश हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं.
प्रोफेसर विनय ने क्विंट को बताया कि इस पूजन के लिए काशी विद्वत परिषद से तीन लोग अयोध्या जा रहे हैं, जिनमें से एक खुद वह हैं. बाकी दो लोगों में से एक, बीएचयू में फैकल्टी ऑफ संस्कृत विद्या धर्म के डीन रह चुके रामचंद्र पांडेय, और दूसरे बीएचयू में व्याकरण के प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी हैं.
प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि भूमि भूजन के लिए जा रहे तीनों ही लोगों को राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है.
प्रोफेसर विनय का कुशीनगर से लेकर बीएचयू तक का सफर
प्रोफेसर विनय ने अपने बारे में बताते हुए कहा, ''मैं उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का रहने वाला हूं. धर्मपुर विशिनपुरा मेरा गांव है. मेरी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक प्राइमरी स्कूल से हुई. उसके बाद की पढ़ाई पास के ही एक छोटे से कस्बे से हुई. 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई गोरखपुर के गोरक्षनाथ संस्कृत महाविद्यालय से हुई, जहां मैंने संस्कृत और ज्योतिष पढ़ी''
12वीं की पढ़ाई के बाद विनय कुमार पांडेय बीएचयू चले गए, जहां उन्होंने ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और ज्योतिष में पीएचडी की. प्रोफेसर विनय ने बताया कि जो रामचंद्र पांडेय भूमि पूजन के लिए उनके साथ अयोध्या जा रहे हैं, पीएचडी करते वक्त वही उनके सुपरवाइजर थे.
साल 2006 से बीएचयू में पढ़ा रहे हैं प्रोफेसर विनय
प्रोफेसर विनय ने अपने करियर को लेकर क्विंट को ये जानकारी दी:
- 2005 में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, भोपाल में लेक्चरर के तौर पर ज्वाइन किया.
- नवंबर 2006 में बीएचयू के ज्योतिष विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर आए, बाद में वहीं प्रोफेसर बने.
- अगस्त 2018 से बीएचयू के ज्योतिष विभाग के हेड हैं.
प्रोफेसर विनय के मुताबिक, उन्होंने ‘ज्योतिष सिद्धांत मंजूषा’ सहित ज्योतिष पर 6 किताबें लिखी हैं और 30 से ज्यादा रिसर्च पेपर लिखे हैं.
मिल चुके हैं कई पुरस्कार
प्रोफेसर विनय ने बताया,
- साल 2015 में संस्कृत और ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था.
- उत्तर प्रदेश सरकार से भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं, साल 2015 में सायण पुरस्कार मिला था.
- मार्च में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उनके लिए विशिष्ट पुरस्कार का ऐलान हुआ है.
राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की जिम्मेदारी मिलने को लेकर प्रोफेसर विनय ने कहा, ''ये भगवान की बहुत बड़ी कृपा है, (वरना) दुनिया में विद्वानों की कमी नहीं है...लेकिन प्रभु श्रीराम की इच्छा थी, उनकी प्रेरणा है कि इस कार्य के लिए उन्होंने हमको चुना है, ये हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है.'' अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने की संभावना जताई जा रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)