केंद्र सरकार ने अयोध्या में राममंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर मालिकाना हक को लेकर दिए गए फैसले में इसका आदेश दिया था. गृह और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ट्रस्ट के गठन और उसके नियमों को तय करने का हिस्सा होंगे.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर फैसले का अध्ययन कर रही है और नौकरशाहों की एक टीम तकनीकी पक्ष और बारीकियों का अध्ययन कर रही है.
सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ कानून अधिकारी जैसे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से इस मुद्दे पर सलाह ली जाएगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कानून मंत्रालय और एटॉर्नी जनरल से राय ली जाएगी कि ट्रस्ट का गठन कैसे किया जाए.’
फैसले में हिंदुओं को मिली विवादित जमीन
9 नवंबर को दिए गए ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन मंदिर निर्माण के लिए रामलला को दी जाएगी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पीठ ने सरकार को इसके लिए ट्रस्ट स्थापित करने के लिए तीन महीने का समय दिया. मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही किसी प्रमुख जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)