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अयोध्या केस: HC ने सरकार से मांगा जवाब, ट्रेन में खून से लथपथ मिली थी महिला कॉन्स्टेबल

Allahabad High Court के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई.

Published
भारत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या रेलवे स्टेशन पर बुधवार, 30 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस के एक जनरल कोच में 45 वर्षीय एक महिला हेड कॉन्स्टेबल बेहोश पाई गई, जिस पर चाकू से कई वार किए गए थे. इस बात की जानकारी सीनियर पुलिस अधिकारियों ने दी थी. अब इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए रविवार को छुट्टी के दिन सुनवाई की और जांच से जुड़े सीनियर अफसर को भी पेश होने के लिए कहा.

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चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस के आवास पर बैठी स्पेशल बेंच ने रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार से मामले पर जवाब मांगा है.

इस दौरान कहा गया कि पुलिस ऑफिसर को कोर्ट में मौजूद होकर यह बताना होगा कि इस मामले में अब तक क्या एक्शन हुआ है? सरकार को यह भी बताना होगा कि इस मामले में अब तक आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी हुई है या नहीं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई करने वाला है. इस दौरान रेलवे की तरफ से केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को भी मौजूद रहना होगा.

रविवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट जेके उपाध्याय और एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल प्रियंका मिड्ढा को तलब किया था.

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हाईकोर्ट के वकील राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखकर उनसे इसे PIL के तौर पर स्वीकार किए जाने का अनुरोध किया था.

ट्रेन में क्या हुआ था?

सुल्तानपुर में पोस्टेड महिला कॉन्स्टेबल अयोध्या के सावन झूला मेले में अपनी ड्यूटी के लिए जी रही थी. पुलिस के अनुसार, अंदेशा है कि शायद उनकी आंख लग गई और वो अयोध्या नहीं उतर पाई, बल्कि मनकापुर पहुंच गई. सरयू एक्सप्रेस ट्रेन से वो मनकापुर से अयोध्या वापस आई.

ये ट्रेन सुबह करीब 4 बजे अयोध्या पहुंची तो लोगों ने महिला कॉन्स्टेबल को बेहद खराब हालत में देखा. उनके कपड़े फटे हुए थे. माथे पर चाकू के वार का निशान था और शरीर खून से लथपथ था. शरीर पर कई जगह चोट के निशान भी थे. इसे देखते ही तुरंत पुलिस को सूचना दी गई.

पुलिसकर्मियों ने महिला कॉन्स्टेबल को तुरंत श्री राम अस्पताल पहुंचाया. हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था. महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.

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"ये बहुत ही गंदा काम है"

पीड़िता के भाई सचिन पटेल ने कहा कि मेरी बहन के साथ सरयू ट्रेन में दर्दनाक हादसा हुआ है. सोशल मीडिया वाले इसे बहुत ही गलत तरीके से दिखा रहे हैं. ये बहुत गंदा काम है, हमारी बहन के साथ ऐसा कोई काम नहीं किया गया है. ना उसके साथ कोई छेड़-छाड़ की गई है और ना ही उसकी मौत हुई है. मीडिया वाले हमारे परिवार को भ्रमित कर रहे हैं, इस वजह से हमें बहुत ही परेशान होना पड़ रहा है.

लखनऊ एसपी जीआरपी पूजा यादव ने कहा कि

सरयू एक्सप्रेस में महिला मुख्य आरक्षी के घायल मिलने से संबंधित मुकदमे में मेडिकल रिपोर्ट्स में किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न की पुष्टि नही हुई है. मीडिया में इस तरह की जो भी खबरें चलाई जा रही हैं, वो असत्य हैं. घटना के संबंध में टीम बनाकर हर तरह से जांच की जा रही है.

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